चीनी सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए शंघाई शहर में सख्त लॉकडाउन लगाया है। इस बीच सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियोज सामने आ रहे हैं जिनमें घरों में बंद लोग परेशान होकर प्रशासन से झगड़ रहे हैं। ऐसा ही एक और वीडियो ट्विटर पर देखने को मिला हैं इसमें लोग अपने अपार्टमेंट से चिल्ला रहे हैं और अधिकारियों से लॉकडाउन के परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दे रहे हैं।
जीरो कोविड नीति के तहत संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए चीन के सबसे बड़े शहर शंघाई में 5 अप्रैल को लॉकडाउन की घोषणा की गई थी। शहर के सभी 26 करोड़ लोगों को घर पर ही रहने के निर्देश दिए गए हैं। मूल रूप से अमेरिका के रहने वाले जाने-माने सार्वजनिक स्वास्थ्य वैज्ञानिक डॉ एरिक फीगल-डिंग ने शंघाई के कुछ वीडियोज ट्वीट की हैं। इसके साथ उन्होंने लिखा कि लोग ज्यादा समय तक घरों में नहीं रुक पाएंगे, जिस कारण देश में बड़ी त्रासदी देखने को मिल सकती है।
डॉक्टर ने कहा कि ये लोग स्थानीय शंघाई भाषा में बोल रहे हैं- “याओ मिंग ले” और “याओ सी” है। इसका मतलब होता है “जीवन और मृत्यु”। स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने यह भी कहा कि शंघाई में ज्यादातर मामले ओमिक्रोन के बीए.2 वेरिएंट के दर्ज किए जा रहे हैं और आने वाले समय में यह चीन में कोरोना की स्थिति पीक पर पहुंच सकती है।
चीन के सबसे अधिक आबादी वाले शहर शंघाई में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के करीब 25,000 मामले सामने आए थे। लॉकडाउन के चलते शहर में भोजन और आवश्यक आपूर्तियों की कमी के कारण चिंता की स्थिति पैदा हो गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही अन्य शहरों में भी ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है।
अगर विश्व स्तर पर बात करें तो शंघाई में कुछ शहरों की तुलना में संक्रमण के मामलों की संख्या कम है, लेकिन 2019 में वुहान शहर में कोरोना वायरस की उत्पत्ति के बाद वर्तमान में चीन सबसे ज्यादा बुरे दौर से गुजर रहा है। शंघाई की सड़कें इस वक्त सुनसान पड़ी हैं और केवल स्वास्थ्य कर्मियों, वॉलंटियर्स, डिलीवरी कर्मियों या विशेष अनुमति वाले लोगों को ही बाहर जाने की इजाजत है।
