पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि जेईएम (जैश ए मोहम्मद) के प्रमुख मसूद अजहर पर प्रतिबंध के मामले पर संयुक्त राष्ट्र में चीन का समर्थन हासिल करने के लिए भारत को उसके (चीन के) साथ खुलकर बात करनी चाहिए। अजहर पर प्रतिबंध लगाने की संयुक्त राष्ट्र में भारत की कोशिश को चीन द्वारा विफल किए जाने के कुछ दिनों बाद खुर्शीद ने कहा, ‘‘आप जब तक चीन से बात नहीं करते, तब तक आप उससे आपका साथ देने की उम्मीद नहीं कर सकते। यह खरीदारी की सूची रखने की तरह नहीं है।’’

उन्होंने चीन के चांग्शा शहर में आयोजित एक कारोबारी समारोह के दौरान कहा, ‘‘यदि हमें मित्र बनाने हैं, हमारा व्यवहार स्वार्थी नहीं हो सकता और इसके लिए हमें उदार एवं इच्छुक बनना पड़ेगा।’’ सलमान खुर्शीद ने कहा, ‘‘मुझे भरोसा है कि चीन जवाब और समर्थन देगा। हमें दिल खोलकर वार्ता करने की आवश्यकता है।’’

पठानकोट आतंकवादी हमले में अजहर की कथित संलिप्तता के संबंध में उस पर प्रतिबंध लगाने की भारत की कोशिश पर अंतिम मिनट में तकनीकी रुकावट पैदा करने पर भारत ने चीन के प्रति निराशा व्यक्त की है। जैश-ए-मोहम्मद को अमेरिकी विदेश मंत्रालय और पाकिस्तान सरकार के अलावा वर्ष 2001 में संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवादी संगठन के तौर पर सूचीबद्ध किया है।

भारत और चीन दोनों ने कहा है कि इस मामले पर चर्चा की जा रही है। चीनी अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने भारत से और विस्तृत जानकारी मांगी है। समझा जाता है कि दोनों देशों के बीच बातचीत में यह मुद्दा उठेगा । रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर और फिर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित कुमार डोभाल अगले कुछ सप्ताहों में चीन जाने वाले हैं। पर्रीकर 18 अप्रैल को चीन जाएंगे।

खुर्शीद ने भारत और चीन के संबंधों के बारे में कहा, ‘‘मेरा नजरिया यह है कि हमें अनुचित उम्मीदें नहीं रखनी चाहिए। चीन के साथ संबंध आसान नहीं हैं। उनकी अपनी चिंताएं एवं प्राथमिकताएं हैं।’’उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को ऐसा रास्ता खोजना होगा जिससे दोनों के हित साधे जा सकें। खुर्शीद ने चीन-भारत कॉरपोरेट वार्ता में अपने इन विचारों को रखा। इसका आयोजन चीन के हु नान कॉमर्स ब्यूरो ने वाणिज्य मंत्रालय की सेवा निर्यात संवर्धन परिषद (एसईपीसी) के सहयोग से किया और नयी दिल्ली स्थित ग्लोबल डायलॉग रिव्यू त्रैमासिक पत्रिका ने इसे सह प्रायोजित किया।