दुनियाभर में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के बीच अलग-अलग देशों में वैज्ञानिकों के बीच वैक्सीन बनाने की होड़ तेज हो गई है। दुनियाभर में दर्जनभर से ज्यादा संभावित वैक्सीन ह्यूमन ट्रायल स्टेज पर पहुंच गई हैं। इस बीच हाल ही में रूस की एक यूनिवर्सिटी ने कोरोना वैक्सीन के सफल दावे की पुष्टि की थी। अब एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह वैक्सीन पहले रूस के अमीर व्यापारी वर्ग और इलीट राजनीतिक वर्ग को दी जाएगी।

बता दें कि मॉस्को स्थित सेशेनोव स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी के मेडिसिन डिपार्टमेंट के डायरेक्टर वादिम तारासोव ने 12 जुलाई को इस बात की पुष्टि की थी कि उनकी पहली वैक्सीन का ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन का पहला ह्यूमन ट्रायल सफल रहा है और पहले बैच के वॉलंटियर्स को बुधवार और दूसरे बैच को 20 जुलाई तक डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

यूनिवर्सिटी में वैक्सीन पर रिसर्च करने वाले गमलेई सेंटर के निदेशक एलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने पहले ही बताया था कि यह वैक्सीन अगस्त की शुरुआत में बाजार में आ जाएगी और सितंबर से इसका बड़े स्तर पर उत्पादन शुरू हो जाएगा। न्यूज वेबसाइट ब्लूमबर्ग के मुताबिक, व्यापारी वर्ग और राजनीतिक धड़े से जुड़े लोगों को इसकी पहली खेप दी जाएगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस वैक्सीन के डेवलपमेंट और रिसर्च में भी इस वर्ग ने बड़ा निवेश किया था और शर्त के मुताबिक, पहले डोज इसी अमीर वर्ग को दिए जाने हैं। जिस एक कंपनी का नाम सामने आया है उसमें एल्युमिनियम का उत्पादन करने वाली कंपनी यूनाइटेड को रुसाल शामिल है।

रूसी यूनिवर्सिटी में 18 जून को तैयार हो गई थीं वैक्सीन की डोज
यूनिवर्सिटी ने रूस के गमलेई इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी की तरफ से मिली वैक्सीन का 18 जून को ट्रायल शुरू कर दिया था। इसके बाद कोरोना की इस पहली वैक्सीन का ट्रायल एक महीने से भी कम समय में पूरा हो गया। सेशेनोव यूनिवर्सिटी में इंस्टीट्यूट ऑफ पैरासाइटोलॉजी के निदेशक एलेक्जेंडर लुकाशेव ने कहा कि वैक्सीन की सुरक्षा से जुड़े मानक पूरे कर लिए गए हैं। वैक्सीन के आगे के डेवलपमेंट का काम भी शुरू हो चुका है। अब देश में महामारी के हालात और उत्पादन बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।