यूक्रेन में हमले के बाद से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने ही लोगों के निशाने पर हैं। ऐसे कई लोगों पर रूसी सरकार ने एक्शन भी लिया है। फिलहाल यूक्रेन में तैनात एक मिलिट्री कमांडर पर सरकार ने कार्रवाई की है। डिफेंस मिनिस्ट्री के खिलाफ बोलने वाले सैन्य अधिकारी को पुतिन सरकार ने सेना से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
मेजर जनरल इवान पॉपोव 58 कंबाइंड आर्म्स आर्मी के कमांडर थे। ये विंग फिलहाल यूक्रेन में तैनात है। इससे पहले ये चेचेन्या में भी काम कर चुकी है। एक लीक वीडियो में मेजर जनरल को कहते सुना जा सकता है कि डिफेंस मिनिस्ट्री के खिलाफ बोलने पर उसे हटाया गया है। सरकार की आलोचना करते हुए सैन्य अफसर ने कहा था कि डिफेंस मिनिस्ट्री में काम कर रहे कुछ लोग सेना को हताश और कमजोर करना चाहते हैं। द वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक मेजर जनरल ने कहा है कि रक्षा मंत्रालय के कुछ लोग सैनिकों की पीठ में छुरा मार रहे हैं।
हालांकि रूसी सरकार ने पॉपोव के मसले पर अपने लब बंद कर रखे हैं। डिफेंस मिनिस्ट्री केस प्रवक्ता दमित्री पेसकॉव से जब इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। जाहिर है कि पुतिन सरकार सेना से जुड़े इस मसले को तूल देने के मूड़ में नहीं दिख रही है।
रूस का यूक्रेन अभियान व्लादिमीर पुतिन के लिए एक बुरा सपना साबित हुआ है। 1 साल से ज्यादा हो चुका है लेकिन अभी तक रूसी सेना यूक्रेन में निर्णायक जीत हासिल नहीं कर सकी है। रूसी सेना लगातार हमलावर है लेकिन यूक्रेन की सेना के साथ वहां के लोग जमकर लोहा ले रहे हैं। पुतिन के इस महत्वाकांक्षी अभियान के खिलाफ रूसी लोग अक्सर बोलते दिखते हैं। सरकार भी उनकी आवाज दबाने की कोई कोशिश नहीं छोड़ती।
एक तरफ अपने ही लोग सिर उठाने लग पड़े हैं तो दूसरी तरफ पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिका समेत कुछ दूसरे देश खुले तौर पर यूक्रेन की सहायता भी कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन कई बार कह चुके हैं कि पुतिन को सेना वापस बुलानी चाहिए।