अमेरिका को रूस और चीन से सबसे बड़ा सुरक्षा खतरा है लेकिन ईरान भी इस दिशा में अपनी क्षमताओं में इजाफा करने का प्रयास कर रहा है । अमेरिकी सेना की साइबर कमान के प्रमुख और नौसेना एडमिरल ने कांग्रेस के समक्ष अपनी यह चिंता जाहिर की है। एडमिरल माइकल रोजर्स ने सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति को बताया कि अमेरिका की कुल सैन्य ताकत इन तीनों देशों से कहीं अधिक है लेकिन साइबर आयुधों की जब बात आती है तो यह फासला कम हो जाता है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी साइबर कमान साइबर मिशन टीमों के गठन के साथ इस दिशा में आगे बढ़ रही है और सितंबर 2018 तक इसकी 133 पूर्ण संचालित इकाइयां होंगी। उन्होंने बताया कि करीब 100 टीमें पहले ही साइबर स्पेस अभियानों पर काम कर रही हैं ।
रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने इराक और सीरिया में साइबर आयुधों के इस्तेमाल को बढ़ाया है और विभाग की साइबर क्षमताओं में इजाफे को उन्होंने एक प्रमुख लक्ष्य बनाया है । इसी के तहत वह साइबर कमान को पूर्ण , स्वतंत्र सैन्य कमान के रूप में विकसित किए जाने पर विचार कर रहे हैं। इस समय अमेरिकी साइबर कमान सेना की सामरिक कमान की एक उप इकाई है।
मंगलवार (5 अप्रैल) को हुई बैठक में रोजर्स ने सीनेटर को बताया कि पूर्ण कमान होने से उनकी इकाई के कामकाज में तेजी आएगी और इससे मिशन के बेहतर नतीजे मिलेंगे। उन्होंने साथ ही कहा कि इससे उन्हें बजट प्रक्रिया में अधिक तव्वजो मिलेगी और यह निर्धारण करने का मौका मिलेगा कि बजट को किस प्रकार खर्च किया जाए। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने मंगलवार (5 अप्रैल) को कहा कि कार्टन का यह मानना है कि साइबर कमान को पूर्ण कमान के रूप में विकसित करना फायदेमंद होगा।