रूस, अमेरिका समेत वेस्ट के कई देशों में बर्थ रेट को लेकर सरकारें चिंतित हैं। इसके लिए वे लोगों को ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। इसी क्रम में रूस ने स्कूली लड़कियों को बच्चों को जन्म देने और उनके पालन-पोषण के लिए 1,00,000 रूबल (1 लाख रुपये) से ज़्यादा का भुगतान करना शुरू कर दिया है। हाल के महीनों में रूस के दस क्षेत्रों में शुरू की गई यह नई योजना मार्च 2025 में अपनाई गई प्रोनेटलिस्ट नीति का एक विस्तार है। ये पहले केवल एडल्ट महिलाओं पर लागू होती थी। द कन्वर्सेशन की रिपोर्ट के अनुसार, यह रूस की रणनीति का नया कदम है जिसे वह जनसंख्या में गंभीर गिरावट के रूप में देखता है।
बर्थ रेट में हो रही गिरावट
रूस की जन्म दर (Birth Rate) विकसित दुनिया के अधिकांश देशों की तरह गिर रही है। 2023 में रूस में प्रजनन दर (Fertility Rate) प्रति महिला 1.41 जन्म था, जो जनसंख्या के स्तर को बनाए रखने के लिए आवश्यक 2.05 की दर से काफी कम है।
टीनेज लड़कियों को स्कूल में रहते हुए बच्चे पैदा करने के लिए आर्थिक रूप से प्रोत्साहित करने का विचार विभाजनकारी साबित हुआ है। रूसी जनमत अनुसंधान केंद्र (Russian Public Opinion Research) के एक सर्वे के अनुसार 43 प्रतिशत रूसी इस नीति का समर्थन करते हैं, जबकि 40 प्रतिशत इसका विरोध करते हैं। फिर भी यह रूसी सरकार द्वारा जन्म संख्या बढ़ाने को दिए जाने वाले महत्व को दर्शाता है। द कन्वर्सेशन ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लेकर लिखा, “वह एक विशाल (और बढ़ते) क्षेत्र और एक शक्तिशाली सेना पर नियंत्रण के साथ-साथ एक समृद्ध महाशक्ति के प्रतीक के रूप में एक बड़ी आबादी को देखते हैं।”
पुतिन की क्या है योजना?
लेकिन इस स्थिति में एक विडंबना है। पुतिन ने यूक्रेन पर आक्रमण करके और उसकी ज़मीन पर कब्ज़ा करके रूस के क्षेत्र का विस्तार करने की कोशिश की है, लेकिन इन कदमों से भारी डेमोग्राफिक कीमत चुकानी पड़ी है। इस युद्ध में अनुमानित 2,50,000 रूसी सैनिकों की जान गई है और लाखों युवा, शिक्षित रूसियों (खासकर उन पुरुषों को जो भविष्य में पिता बन सकते थे) देश छोड़कर भागने पर मजबूर होना पड़ा है।
रूस अकेला नहीं है। दुनिया भर के देश घटती प्रजनन दर से जूझ रहे हैं। द कन्वर्सेशन के अनुमानों के अनुसार 2050 तक, सभी देशों में से तीन-चौथाई से ज़्यादा की जन्म दर एवरेज से नीचे गिरने की उम्मीद है। कुछ सरकारों ने इसको सही करने के लिए फाइनेंशियल मदद देना शुरू किया है। प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान के नेतृत्व में हंगरी तीन या उससे ज़्यादा बच्चों वाले परिवारों को टैक्स में छूट और रियायती दर पर लोन प्रदान करता है। पोलैंड परिवारों को प्रति बच्चा 500 ज़्लॉटी (11,857 रुपये) का भुगतान करता है। हालांकि इस बात के बहुत कम सबूत हैं कि इससे अधिक इनकम वाली महिलाओं को ज़्यादा बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित किया गया है, क्योंकि उन्हें अपने करियर में कई त्याग करने पड़ते हैं।
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने प्रति बच्चा 5,000 डॉलर (4.2 लाख रुपये) का भुगतान प्रस्तावित किया है, जो एलन मस्क और अन्य लोगों द्वारा समर्थित एक व्यापक MAGA आंदोलन का हिस्सा है। इसका उद्देश्य अमेरिकी महिलाओं को बड़े परिवार रखने के लिए प्रोत्साहित करना है। हालांकि डेमोग्राफिक एक्सपर्ट्स चेतावनी देते हैं कि ऐसी नीतियों का स्पष्ट या स्थायी प्रभाव शायद ही कभी होता है।
इमिग्रेशन या विचारधारा?
कुछ देश जनसंख्या वृद्धि के लिए प्रोत्साहनों की बजाय इमिग्रेशन को प्राथमिकता दे रहे हैं। उदाहरण के लिए स्पेन अब प्रवासियों (जिनमें अवैध रूप से आए लोग भी शामिल हैं) के लिए आसानी से नागरिकता के उपाय कर रहा है। द कन्वर्सेशन के अनुसार इस नीति को स्पेन के आर्थिक विकास में सहायक माना जाता है। कई सरकारें कुछ खास प्रकार के परिवारों को बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित करती हैं। ये देश की पसंदीदा जाति, धर्म, भाषा या विचारधारा को दर्शाते हैं।
उदाहरण के लिए स्पेन ज़्यादातर कैथोलिक लैटिन अमेरिकी देशों के स्पेनिश भाषी प्रवासियों को रोज़गार और अवसर प्रदान करता है, जबकि हंगरी के प्रोत्साहन केवल हाई इनकम वाले जोड़ों के लिए उपलब्ध हैं। अमेरिका में अधिक जन्मों के लिए ट्रंप का प्रयास (बिना दस्तावेज़ वाले प्रवासियों को गिरफ़्तार करने और निर्वासित करने और यहां तक कि जन्मजात नागरिकता, जो एक संवैधानिक गारंटी है) को वापस लेने के आह्वान के साथ आता है।
रूस ने शुरू किया Motherhood Medal
बर्थ रेट के लिए सरकारें नकद प्रोत्साहनों को सांस्कृतिक संदेशों के साथ जोड़ती हैं। उदाहरण के लिए, पुतिन ने दस या उससे ज़्यादा बच्चे पैदा करने वाली महिलाओं के लिए स्टालिन के युग वाले Motherhood Medal को फिर से शुरू किया है। अमेरिका में सोशल मीडिया अब पारंपरिक पत्नियों का जश्न मनाने वाली कंटेंट्स से भरा पड़ा है। वे महिलाएँ जो सार्वजनिक रूप से करियर की बजाय गृहस्थी और बड़े परिवार को अपनाती हैं।
लेकिन इस जश्न का दूसरा पहलू उन महिलाओं की आलोचना है जो बच्चे पैदा नहीं करना चाहतीं। 2024 में, रूस की संसद ने निःसंतान जीवनशैली को बढ़ावा देने पर प्रतिबंध लगा दिया। वहीं रूस ने गर्भपात पर भी प्रतिबंध लगा दिए हैं और हाइयर एजुकेशन और करियर को प्राथमिकता देने वाली महिलाओं की आलोचना की है।