दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल-मकतूम ने अपने बच्चों की अभिरक्षा के विवाद में अपनी पूर्व पत्नी और उनके वकीलों के फोन को हैक करने की कोशिश की। इसके जरिए वे “डराने और धमकाने” का प्रयास कर रहे थे। इसको लेकर इंग्लैंड के हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। हालांकि उनके फैसले को शेख ने यह कहकर मानने से इंकार कर दिया कि यह आधी-अधूरी जानकारी पर आधारित है।

उन्होंने एक बयान में कहा, “मैंने हमेशा अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है और मैं आगे भी ऐसा करता रहूंगा।” इसके अलावा “निष्कर्ष उन सबूतों पर आधारित थे, जिनके बारे में मुझे या मेरे सलाहकारों को नहीं बताया गया है। इसलिए मैं यह मानता हूं कि यह अनुचित है।”

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा, ” उन्होंने राज्यों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा जोखिमों का मुकाबला करने, जोर्डन के राजा अब्दुल्ला की सौतेली बहन राजकुमारी हया बिंत अल-हुसैन और उनसे निकटता रखने वाले कुछ लोगों के फोन हैक करने के लिए इजरायली फर्म एनएसओ द्वारा विकसित “पेगासस” सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया।”

इतना ही उनके लिए काम करने वालों ने ब्रिटिश राजधानी में हया की संपत्ति के बगल में एक हवेली खरीदने की भी कोशिश की। अदालत के फैसले को सुनने के बाद हया बिंत बेहद डरी हुई हैं। वह खुद को शिकारी, असुरक्षित और घुटन महसूस कर रही है।

72 वर्षीय मोहम्मद का 47 वर्षीय हया के साथ बच्चों की अभिरक्षा को लेकर लंबी, कड़वी लड़ाई चल रही है। इसमें काफी पैसे भी खर्च हुए हैं। हया अपने दो बच्चों, 13 वर्षीय जलीला और 9 वर्षीय जायद के साथ ब्रिटेन भाग आई थी। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी सुरक्षा का डर है। उनका अपने एक ब्रिटिश अंगरक्षक के साथ अफेयर भी था।

इंग्लैंड के हाईकोर्ट ने यह फैसला, अदालत के इस निष्कर्ष पर पहुंचने कि मोहम्मद ने अपनी दो बेटियों का अपहरण किया था, उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उनकी इच्छा के विरुद्ध उन्हें जबरन अपने पास रखा था, के 19 महीने बाद सुनाया।

इंग्लैंड और वेल्स में परिवार प्रभाग के अध्यक्ष न्यायाधीश एंड्रयू मैकफर्लेन ने अपने फैसले में कहा, “भरोसे के दुरुपयोग और कुछ हद तक शक्ति के दुरुपयोग को देखने के बाद अदालत इस निष्कर्ष पर पहुंची।”