IFA Strike 2019: पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के भूकंप के जोखिम वाले बालाकोट शहर के निवासियों ने मंगलवार को कहा कि जब भारतीय वायुसेना के विमान आतंकी अड्डों को तबाह कर रहे थे तो उनकी नींद ‘बड़े धमाके की आवाज’ से खुली और वह समझे के क्षेत्र में ज्वाला आया है।
बालाकोट पाकिस्तान के उत्तर पश्चिम क्षेत्र के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में स्थित है। 2005 में कश्मीर में आए भूकंप के कारण यह तबाह हो गया था और सऊदी अरब की सहायता से इसे फिर से बनाया गया है। पहाड़ी शहर के निवासियों ने बीबीसी उर्दू से कहा कि उनकी आंख तेज धमाकों की आवाज से खुली।
बालाकोट के पास के कई शहरों के निवासियों ने कहा कि उन्होंने मंगलवार को धमाकों की आवाज सुनी।
जाबा गांव में किसान मोहम्मद आदिल ने बताया कि उनकी और उनके परिवार की आंख देर रात तीन बजे एक बड़े धमाके की आवाज से खुली।
उन्होंने बताया कि उन्हें लगा कि क्षेत्र में भूकंप आया है। आदिल के मुताबिक, ‘ फिर हमें विमानों की उड़ने की आवाज आई। हम स्थान पर सुबह गए। वहां एक बड़ा गड्ढा था और चार-पांच घर तबाह हो गए थे।’’ भारत ने मंगलवार को पौ फटने से पहले बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर को तबाह कर दिया जिसमें लगभग 350 आतंकवादी और उनके प्रशिक्षक मारे गए। पाकिस्तान ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद इन आतंकवादियों को उनकी सुरक्षा के लिए इस शिविर में भेजा था। दो मिनट से भी कम समय में अंजाम दिया गया भारतीय वायुसेना का यह हमला अत्यंत त्वरित और सटीक था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने कहा कि हमला किसी सैन्य ठिकाने पर नहीं, केवल आतंकी ठिकाने पर किया गया और इसे ‘‘हमलों को रोकने’’ के उद्देश्य से ‘‘ऐहतियात’’ के तौर पर अंजाम दिया गया। उन्होंने कहा कि यह ठिकाना जंगल में एक पहाड़ी पर स्थित था और पांच सितारा रिजॉर्ट शैली में बना था। इसके चलते यह ‘‘आसान निशाना’’ बन गया तथा आतंकवादियों को नींद में ही मौत के आगोश में सुला दिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के बाद अपनी पहली टिप्पणी में राजस्थान के चुरू में एक जनसभा में कहा, ‘‘मैं देश के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि देश सुरक्षित हाथों में है। देश से ऊपर कुछ भी नहीं है।’’ उन्होंने हालांकि हमले का सीधा जिक्र नहीं किया और न कोई ब्योरा दिया। ठोस खुफिया जानकारी के आधार पर भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए हवाई हमलों का ब्योरा देते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ठोस खुफिया जानकारी मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद पुलवामा हमले के बाद भारत में अन्य आत्मघाती हमलों की साजिश रच रहा है।
बारह दिन पहले पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। गोखले ने पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे अपने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ठोस खुफिया सूचना मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद देश के विभिन्न हिस्सों में अन्य आत्मघाती हमले की साजिश रच रहा है और इस उद्देश्य के लिए फिदायीन जिहादी तैयार किए जा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि इसलिए यह हमला अत्यंत आवश्यक हो गया था।