कांग्रेस में एक शीर्ष रिपब्लिकन सदस्य ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से अपील की है कि वह तिब्बतियों के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा से मुलाकात करें। कांग्रेस के सदस्य जिम सेनसेनब्रेन्नर ने ट्रंप को लिखे एक पत्र में कहा, ‘जैसा कि आप राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने की तैयारी के तहत विश्व के विभिन्न नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं, ऐसे में मैं आपको सुझाव देना चाहूंगा कि आप दलाई लामा से भी मुलाकात करें।’ छह दिसंबर को लिखे गए इस पत्र की एक प्रति गुरुवार (8 दिसंबर) को जारी की गई। आठ नंवबर को अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में चुने जाने के बाद से ट्रंप और उनके द्वारा चुने गए उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विश्व के 50 से अधिक नेताओं से बात की है। बहरहाल, उन्हें ताइवान की राष्ट्रपति ने बधाई देने के लिए जो फोन किया था, उसे लेकर चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका के राष्ट्रपतियों ने कई वर्षों से दलाई लामा से संबंध बनाए रखे हैं लेकिन ये संबंध तिब्बतियों के धार्मिक एवं आध्यात्मिक नेता के रूप में हैं। अमेरिका के किसी भी राष्ट्रपति ने जब कभी दलाई लामा से व्हाइट हाउस में मुलाकात की है, उस पर चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। ट्रंप ने अभी तक तिब्बती नेता से मुलाकात नहीं की है जिसके मद्देनजर रिपब्लिकन सदस्य ने इस संबंध में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति को पत्र भेजा है।
सेनसेनब्रेन्नर ने कहा, ‘तिब्बतियों को अपनी संस्कृति, विरासत, भाषा एवं धर्म को संरक्षित रखने का अधिकार है। तिब्बती लोगों ने पिछले वर्षों में चीन सरकार से स्वयं को आजाद करने और अपनी मौलिक स्वतंत्रताओं को संरक्षित रखने के लिए लगातार संघर्ष किया है।’ उन्होंने पत्र में लिखा, ‘पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना तिब्बती लोगों की स्वायत्तता को स्वीकार करने से इनकार करता रहा है और उसने तिब्बतियों के विरोध एवं प्रदर्शनों के खिलाफ कार्रवाई की है।’ सेनसेनब्रेन्नर ने कहा, ‘पिछली आधी सदी में अमेरिका के तिब्बत सरकार एवं इसके लोगों के साथ मजबूत एवं स्थायी संबंध रहे हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि आप तिब्बत के साथ इस मजबूत संबंध बनाए रखेंगे और तिब्बत एवं पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के बीच शांति को प्रोत्साहित करेंगे।’ वर्ष 1979 से अमेरिकी सांसद के रूप में सेवाएं दे रहे सेनसेनब्रेन्नर ने वर्ष 2008 में दलाई लामा से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि 57 साल पहले तिब्बत से दलाई लामा के निर्वासन के बाद से वह चीन एवं तिब्बत के बीच तनाव के शांतिपूर्ण समाधान के मजबूत समर्थक रहे हैं। उन्होंने पत्र में लिखा कि दलाई लामा को वर्ष 1989 में नोबेल शांति पुरस्कार से भी नवाजा गया था।