आतंकपरस्त देश पाकिस्तान हमेशा से आतंक को पनाह देता आया है। इस बात का एक और सबूत सामने आया है। जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद विश्व पटल पर पाकिस्तान की काफी निंदा की जा रही है। लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान अपनी हरकरतों से बाज आता नजर नहीं आ रहा है।जी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान की सेना ने जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर और लश्कर ए तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद को विश्व पटल पर बन रहे दबाव के खत्म होने तक अंडर ग्राउंड रहने की हिदायत दी है।

सेना ने इन दोनों को कहा है कि जब तक अंतरराष्ट्रीय पटल पर यह मुद्दा शांत नहीं हो जाता है तब तक वह आम जनसभाओं से परहेज करें। मसूद अजहर के संगठन ने ही पुलवामा हमले को अंजाम दिया था।जबकि हाफिज सईद मुंबई में हुए 26/11 हमले का आरोपी है।भारतीय सेना ने पाकिस्तान पर आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआईएस ने ही आतंकियों को आरडीएक्स मुहैया कराया था।

सेना का कहना है कि भारत में इस हमले पीछे भी पाकिस्तान का ही हाथ है। पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत को बड़ी कूटनीतिक कामयाबी मिली। फ्रांस एक बार फिर से अजहर मसूद को यूएन में वैश्विक आतंकी घोषित करने को लेकर प्रस्ताव लाने की तैयारी में हैं। बता दें कि 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। एक कश्मीर युवक ने 350 किलो विस्फोटक से भरी एक कार को सीआरपीएफ के बस में भिड़ा कर आत्मघाती हमला किया था। इस मामले को लेकर भारतीय सेना का कहना है कि यह विस्फोटक पैकिंग कर भारत लाए गए थे जिनका संबंध पाकिस्तानी सेना से हैं।

बता दें कि सेना कश्मीर में सर्च ऑपरेशन कर आतंकियों का सफाया कर रही है। सोमवार को, पुलवामा जिले के पिंगलान क्षेत्र में 16 घंटे तक चली मुठभेड़ में जैश के तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया।इसमें सेना ने कश्मीर में जैश के शीर्ष नेतृत्व का भी सफाया कर दिया है। इस दौरान  सेना की श्रीनगर स्थित 15वीं कोर के जनरल आफिसर कमांडिंग ले.जनरल के जे एस ढिल्लों  ने  कहा कि कश्मीर में हथियार उठाने वालों को नहीं बख्शा जाएगा। बेहतर होगा कि वो सरेंडर कर दें।