पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार (29 सितंबर) को भारतीय उच्चायुक्त गौतम बंबावले को तलब किया है। भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा के पार हुए लक्षित हमले (सर्जिकल स्ट्राइक) के संदर्भ में भारत के उच्चायुक्त को पाक विदेश मंत्रालय ने बुलाया है। इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने नियंत्रण रेखा के निकट भारत द्वारा ‘बिना उकसावे के किए गए खुले हमले’ की कड़ी निंदा करते हुए गुरुवार (29 सितंबर) को कहा कि पाकिस्तान के सशस्त्र बल देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम हैं। ‘रेडियो पाकिस्तान’ के अनुसार शरीफ ने यह भी चेतावनी दी कि पाकिस्तान की शांतिपूर्ण पड़ोस की इच्छा को उसकी कमजोरी नहीं समझा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान उसकी संप्रभुता को ठेस पहुंचाने वाले हर ‘नापाक मंसूबे’ को नाकाम कर सकता है। शरीफ ने ‘‘नियंत्रण रेखा के पास भारतीय बलों के बिना भड़कावे के खुले तौर पर किए हमले की’’ कड़ी निंदा की।
LoC पार आतंकी शिविर पर भारतीय सेना हमला
भारत ने अपनी तरह की पहली कार्रवाई में बीती रात नियंत्रण रेखा के पार स्थित सात आतंकी ठिकानों पर लक्षित हमले किए। सेना ने गुरुवार (29 सितंबर) को कहा कि इसके विशेष बलों ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से भारत में घुसपैठ की तैयारी कर रहे आतंकवादियों को ‘भारी नुकसान’ पहुंचाया और अनेक आतंकी मारे गए।
रक्षा सूत्रों ने बताया कि भारतीय सेना के विशेष बलों ने 28 और 29 सितंबर की रात लगभग पांच घंटे तक चले अभियान में नियंत्रण रेखा के पार स्थित सात आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। इस दौरान हेलीकॉप्टर सवार और जमीनी बलों का इस्तेमाल किया गया। सूत्रों ने बताया कि पीओके स्थित ये आतंकी ठिकाने नियंत्रण रेखा (एलओसी) से दो से तीन किलोमीटर के दायरे में थे और इन पर एक सप्ताह से अधिक समय से नजर रखी जा रही थी।
वहीं, केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि जम्मू कश्मीर में कुपवाड़ा और पुंछ से लगती नियंत्रण रेखा के पार पांच-छह ठिकानों को निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा कि भारतीय पक्ष को कोई नुकसान नहीं हुआ। आतंकी हमलों के ताजा प्रयासों को रोकने के लिए की गई इस त्वरित कार्रवाई के बारे में सैन्य अभियान महानिदेशक (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन में घोषणा की। यह कार्रवाई उरी आतंकी हमले के 11 दिन बाद की गई है। पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के आतंकियों द्वारा उरी में एक सैन्य शिविर पर किए गए हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हमलावर ‘सजा से बच नहीं पाएंगे’ और 18 जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।