पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के मुजफ्फराबाद के स्थानीय निवासी चीन और पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। दरअसल यह विरोध घाटी की नीलम और झेलम नदियों पर बनायी जा रही जलविद्युत परियोजना के खिलाफ हो रहा है। इस परियोजना के तहत चीन की कंपनी नीलम और झेलम नदियों पर बांध का निर्माण कर रही है। इस परियोजना की लागत 18 हजार करोड़ रुपए है।

पीओके के लोगों का कहना है कि बांध बनाने के लिए चीन और पाकिस्तान के बीच समझौता हुआ लेकिन इसमें हमारी कोई राय नहीं ली गई। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस जलविद्युत परियोजना से पर्यावरण पर बुरा असर पड़ेगा। इस मुद्दे को दुनियाभर में पहुंचाने के लिए ट्विटर पर #SaveRiversSaveAJK कैंपेन शुरू किया गया है।

उल्लेखनीय है कि पीओके में बनाया जा रहा है यह बांध चीन की महत्वकांक्षी योजना CPAC का हिस्सा है। जिसे चीन की थ्री गोर्जेस कॉरपोरेशन कंपनी की सब्सिडियरी कंपनी कोहाला हाइड्रोपावर कंपनी लिमिटेड द्वारा तैयार किया जा रहा है। मुजफ्फराबाद के लोगों का कहना है कि यह विवादित क्षेत्र है। ऐसे में चीन और पाकिस्तान का यहां बांध का निर्माण करना संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के खिलाफ है। लोगों का आरोप है कि इस प्रोजेक्ट के जरिए नदियों पर कब्जा किया जा रहा है।

जिस प्रोजेक्ट का स्थानीय लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है, उसकी लागत करीब 18 हजार करोड़ रुपए बतायी जा रही है। इस पावर प्लांट से 1124 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा। इस प्रोजेक्ट में एक नहर भी निकाली जा रही है। मुजफ्फराबाद के लोगों को इस नहर के डिजाइन से भी आपत्ति है।