आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान एक बार फिर बेनकाब हुआ है। जम्मू-कश्मीर के एक राजनीतिक कार्यकर्ता ने बताया कि पाकिस्तान पिछले कई दशकों भारतीय हिस्से में आतंक भड़काता आया है। जम्मू-कश्मीर लिब्रेशन फ्रंट (JKLF) के नेता सरदार सगीर ने पत्रकार तनवीर अहमद को बताया कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में अस्थिरता पैदा करने के लिए आतंकवादियों का इस्तेमाल कर रहा है।
सगीर ने पत्रकार से कहा, ‘कश्मीर की मुक्ति के लिए स्वदेशी आंदोलन को नाकाम करने के लिए 1947 में पाकिस्तान ने इलाके में पश्तून ट्राइबल फौजें भेजीं। 1980 के आखिर में जम्मू-कश्मीर के लोगों ने एक और आंदोलन शुरू किया तब पाकिस्तान ने 1989 में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहीदीन और जमात-ए-मुजाहीदीन का गठन किया और पूरे आंदोलन को हाईजैक कर लिया।’
सगीर के मुताबिक ‘बाद में आतंकी हाफिज सईद के लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा को क्षेत्र में सक्रिय किया गया। 1992-93 में हमने बाहरी लोगों के आने की कड़ी निंदा की। ये संगठन पाकिस्तान की जासूस एजेंसी आईएसआई द्वारा तैनात किए गए थे। इन सगंठनों ने हमारे शांतिपूर्वक संघर्ष को नुकसान पहुंचाया। विश्व समुदाय अब इसे आतंकवाद के रूप में देख रहा है।’
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सगीर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के उन मुखर कार्यकर्ताओं में से एक हैं जहां के लोग उत्पीड़न और आतंकवाद से पीड़ित हैं। उन्होंने कहा, ‘9/11 की घटना के बाद आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाए गए और हमारा शांतिपूर्ण संघर्ष वापस आ गया। पाकिस्तान पर जब अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा दबाव डाला गया तब भी उसने जैश-ए-मोहम्मद (JeM) को बढ़ावा देना शुरू कर दिया। हालांकि हमने अपना विरोध जारी रखा।’
बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल ही के दिनों में कहा था कि करीब 30,000 से 40,000 आतंकियों को अफगानिस्तान और कश्मीर के कुछ हिस्सों में ट्रेनिंग दी गई। JKLF के नेता सरदार सगीर के मुताबिक पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ के लिए पीओके के इलाके को आतंकियों के लॉन्च पैड के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।

