पाकिस्तान को स्वाभाविक रूप से ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अमेरिकी संसद में कहा कि भारत के पड़ोस में आतंकवाद का पोषण’ हो रहा है, और बिना किसी भेदभाव के लश्करे-तैयबा, तालिबान और आइएस जैसे आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच हुई वार्ताओं के बाद जारी एक बयान में कहा गया, अमेरिका और भारत का रक्षा संबंध स्थिरता का वाहक हो सकता है और रक्षा क्षेत्र में दोनों के बीच लगातार सहयोग मजबूत होने के चलते अमेरिका भारत को एक बड़े रक्षा सहयोगी का दर्जा देता है।
अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ ‘एक स्वर’ में लड़ाई लड़ी जानी चाहिए, साथ ही उन्होंने राजनीतिक फायदे के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देने और उसका अनुपालन करने वालों को पुरस्कृत करने से इनकार करके अमेरिकी संसद द्वारा स्पष्ट संदेश देने की सराहना की। उनका आशय प्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान को आठ एफ-16 लड़ाकू विमानों की बिक्री का रास्ता रोकने के मामले से था। अपने 45 मिनट के भाषण में उन्होंने भारत और अमेरिका के बढ़ते संबंधों से जुड़े सभी अहम आयामों की चर्चा की जिसमें विशेष तौर पर असैन्य परमाणु सहयोग शामिल है।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों को ‘अतीत के बाधाओं’ को पीछे छोड़ना चाहिए क्योंकि ‘भविष्य का आधार ठोस’ बन चुका है। अपने चिर परिचित सफेद कुर्ता-पायजामा और स्लेटी रंग की जैकेट पहने मोदी का अमेरिकी सांसदों ने गर्र्मजोशी से स्वागत किया और उनके संबोधन के दौरान बीच बीच में 40 से अधिक बार तालियां बजाकर उनका उत्साह बढ़ाया और कई बार खडेÞ होकर गर्मजोशी भरा भाव प्रकट किया । जब 2005 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया था तब उनके भाषण के दौरान 33 बार तालियां बजी थीं। तत्कालीन प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार संजय बारू ने यह बात बताई। मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका विश्व शांति और समृद्धि की परिदृष्टि को साझा करते हैं । उन्होंने कहा कि पूरे विश्व के समक्ष आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है और इससे कई स्तरों पर लड़ा जाना चाहिए क्योंंकि पारंपरिक सैन्य, खुफिया या कूटनीतिक उपाय अकेले इन्हें परास्त करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
मोदी ने कहा, भारत की पश्चिमी सीमा से अफ्रीका तक यह अलग अलग नामों से है… यह लश्करे -तैयबा से तालिबान और फिर आइएसआइएस के अलग अलग नामों से हैं। लेकिन इनकी विचारधारा एक है, यह घृणा, हत्या और हिंसा की। पाकिस्तान के परोक्ष संदर्भ में मोदी ने कहा, हालांकि इसकी छाया पूरी दुनिया में फैली है और इसका भारत के पड़ोस से पोषण हो रहा है। उन्होंने कहा कि जो लोग मानवता में विश्वास करते हैं, उन्हें आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में साथ आना चाहिए और इस बुराई के खिलाफ एक स्वर में बोलना चाहिए ।
मोदी ने कहा, मैं राजनीतिक फायदे के लिए आतंकवाद को बढ़ावा देने और अनुपालन करने वालों को स्पष्ट संदेश देने के लिए अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों का स्वागत करता हूं । उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद को अवैध घोषित किया जाना चाहिए । उन्होंने कहा, ‘ वक्त की जरूरत है कि हम हमारे सुरक्षा सहयोग को और गहरा बनाएं । मोदी ने कहा कि हमारा सहयोग ऐसी नीतियों पर आधारित होना चाहिए जो आतंकवादियों को पनाह देने वालों, उनका समर्थन करने वालों और प्रायोजित करने वालों को अलग-थलग करता हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह अच्छे और बुरे आतंकवादियों में विभेद नहीं करता हो और धर्म को आतंकवाद से अलग रखता हो ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने नागरिकों और सैनिकों को खोया है, साथ ही इस बात को रेखांकित किया कि किस प्रकार से 2008 के मुंबई आतंकी हमले के बाद अमेरिका भारत के साथ खड़ा रहा था। भारत-अमेरिकी संबंध को गतिशील भविष्य का आधार बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच गठजोड़ एशिया से अफ्रीका और हिंद महासागर से प्रशांत महासागर तक शांति, समृद्धि और स्थिरता का वाहक बन सकता है। उन्होंने कहा कि यह गठजोड़ वाणिज्य के समुद्री मार्ग और सागरों में नौवहन स्वतंत्रता की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के संदर्भ में उन्होंने कहा कि हमारा सहयोग और प्रभावी हो सकता है अगर अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं 20वीं सदी के सोच से आगे बढ़कर आज की हकीकत को प्रदर्शित करें। मोदी ने अपने संबोधन में मार्टिन लूथर किंग, महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद और अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र किया और कहा कि भारत और अमेरिकी दुनिया के सबसे बड़े और पुराने लोकतंत्र हैं और हमें एक दूसरे के दर्शन और अनुभवों से काफी सीखने की जरूरत है ताकि नैसर्गिक सहयोगी बनें ।
मोदी ने कहा, जब हम अपने गठजोड़ को गहरा बना रहे हैं, ऐसे में कई बार एक दूसरे से अलग विचार सामने आ सकते हैं। लेकिन चूंकि हमारे हित और चिंताएं मिलती हैं, ऐसे में निर्णय करने और हमारे सोच में विविधता को स्वायत्तता हमारे गठजोड़ को और मूल्यवान बना सकता है। उन्होंने कहा, इसलिए जब हम एक नई यात्रा पर निकल रहे हैं और नए लक्ष्य निर्धारित कर रहे हैं तब हमें केवल नियमित बातों पर ध्यान देने से आगे बढ़ते हुए बदलावकारी विचारों पर ध्यान देना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि विचार केवल धन सृजित करने पर नहीं बल्कि हमारे समाज के लिए मूल्य सृजित करने पर केंद्रित होने चाहिए, केवल तात्कालिक फायदे के लिए नही बल्कि दीर्घकालिक लाभ के लिए हो, केवल हमारे सर्वश्रेष्ठ कार्यों पर ही नहीं बल्कि गठजोड़ को आकार प्रदान करने के लिए हो और केवल हमारे लोगों के उज्ज्वल भविष्य के लिए ही नहीं बल्कि और एकजुट, मानवीय और समृद्ध दुनिया के लिए सेतु के निर्माण के लिए भी हो।
मोदी ने कहा, और हमारी यात्रा की सफलता के लिए महत्त्वपूर्ण है कि हम नए नजरिए और नई संवेदनाओं के लिए देखें। जब हम ऐसा करेंगे तब हम अपने अभूतपूर्व संबंधों की पूर्ण वास्तविकता को समझेंगे। मोदी ने भारत के मानवाधिकार रिकॉर्ड का आज यह कहते हुए बचाव किया कि उनकी सरकार के लिए संविधान ‘वास्तविक पवित्र ग्रंथ’ है, जो सभी नागरिकों को आस्था और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता देता है, भले ही उनकी कोई भी पृष्ठभूमि हो। भारत एकजुट होकर रहता है, भारत एकजुट होकर आगे बढ़ता है और भारत एक होकर जश्न मनाता है। उन्होंने कहा, मेरी सरकार के लिए संविधान ही वास्तविक पवित्र ग्रंथ है। और उस पवित्र पुस्तक में आस्था की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति और मताधिकार और सभी नागरिकों के लिए समानता का अधिकार मौलिक अधिकार के रूप में शामिल किया गया है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच हुई वार्ताओं के बाद जारी एक बयान में कहा गया, अमेरिका और भारत का रक्षा संबंध स्थिरता का वाहक हो सकता है और रक्षा क्षेत्र में दोनों के बीच लगातार सहयोग मजबूत होने के चलते अमेरिका भारत को एक बड़े रक्षा सहयोगी का दर्जा देता है।
बयान के अनुसार, ‘बड़े रक्षा सहयोगी’ के दर्जे के तहत अमेरिका भारत के साथ प्रौद्योगिकी साझा करने का काम उस स्तर तक जारी रखेंगे, जितना वह अपने करीबी सहयोगियों और साझेदारों के साथ करता है। इसी बीच, वाइट हाउस ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ओबामा और प्रधानमंत्री मोदी की बैठक का परिणाम भारत और अमेरिका के बीच कुछ प्रमुख रक्षा समझौतों को अंतिम रूप दिए जाने के तौर पर सामने आया।
वाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में बताया, मैं आपको बता सकता हूं कि रक्षा साजो-सामान, मैरीटाइम सूचना साझा करने और यहां तक कि क्षेत्र में अमेरिकी विमान वाहकों के आवागमन से जुड़े समझौतों को अंतिम रूप दिए जाने की दिशा में भी अहम प्रगति हुई। संयुक्त बयान में कहा गया, नेताओं के बीच एक ऐसी समझदारी बनी है, जिसके तहत भारत की दोहरे इस्तेमाल वाली प्रौद्योगिकी की व्यापक शृंखला तक लाइसेंस मुक्त पहुंच होगी। यह निर्यात नियंत्रण के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के उन कदमों के अनुरूप है, जिनके प्रति भारत ने प्रतिबद्धता जताई है। बयान में कहा गया कि भारत के ‘मेक इन इंडिया’ प्रयास और रक्षा उद्योगों के विकास में सहयोग के लिए और इन्हें वैश्विक आपूर्ति शृंखला में शामिल करने के लिए अमेरिका दोनों देशों के आधिकारिक रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने वाली परियोजनाओं, कार्यक्रमों और संयुक्त उपक्रमों के लिए अपने देश के कानून के अनुरूप वस्तुओं और प्रौद्योगिकियों के निर्यात को सुगम बनाना जारी रखेगा।
दोनों देशों के बढ़े हुए सैन्य सहयोग की सराहना करते हुए ओबामा और मोदी ने उन समझौतों के अन्वेषण की इच्छा जताई, जो द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को व्यवहारिक तरीके से विस्तार देने में मदद करेंगे। इधर विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि भारत और अमेरिका भारत और अमेरिका के साइबर संबंध की संरचना को अंतिम रूप देने के लिए आपसी समझ बना चुके हैं।
बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने महत्त्वपूर्ण अवसंरचना, सरकारों और राज्येतर तत्वों द्वारा अंजाम दिए जाने वाले साइबर अपराध और हानिकारक साइबर गतिविधियों से निपटने, क्षमता निर्माण करने, साइबर सुरक्षा अनुसंधान और विकास करने और प्रौद्योगिकी व संबंधित सेवाआें में व्यापार के सभी पहलुओं पर चर्चाएं जारी रखने के क्षेत्र में साइबर सहयोग को बढ़ाने पर प्रतिबद्धता जताई।
साइबर हैकिंग में बड़े स्तर तक लिप्त रहने वाले देशों की ओर इशारा करते हुए बयान में कहा गया कि किसी भी देश को ऐसी आॅनलाइन गतिविधि को अंजाम या जान-बूझकर समर्थन नहीं देना चाहिए, जो महत्त्वपूर्ण संरचना को जान-बूझकर नष्ट कर देती हो या इसके द्वारा जनता को उपलब्ध करवाई जाने वाली सेवाएं को अवरुद्ध कर देती हो। बयान में कहा गया कि किसी भी देश को ऐसी गतिविधि का समर्थन नहीं करना चाहिए, जो राष्ट्रीय कंप्यूटर सुरक्षा घटना प्रतिक्रिया दलों को साइबर घटनाओं पर प्रतिक्रिया देने से रोकने के लिए हो या फिर अपने दलों के इस्तेमाल से किसी ऐसी आॅनलाइन गतिविधि को अंजाम देते हों, जिसका मकसद नुकसान करना है। दोनों नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि हर देश को अपने देश के बीच से संचालित होने वाली दुर्भावनापूर्ण साइबर गतिविधियों को कम करने के लिए दूसरे देशों से आने वाले मदद के अनुरोधों पर घरेलू कानून और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के अनुरूप सहयोग करना चाहिए।
बयान में कहा गया कि किसी भी देश को अपने देश की कंपनियों या व्यवसायिक सेक्टरों को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ पहुंचाने के इरादे से सूचना और संचार प्रौद्योगिकी की मदद से बौद्धिक संपदा चुराने या उसे जान-बूझकर सहयोग देने से बचना चाहिए। इस बौद्धिक संपदा में व्यापार से जुड़ी गोपनीय जानकारी, अन्य गोपनीय कारोबारी जानकारी शामिल है।
इस बीच पठानकोट आतंकी हमले को 26-11 जैसा मानते हुए राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि वह हमले को अंजाम देने वालों को सजा दे। अमेरिका ने जैशे-मोहम्मद, लश्करे-तैयबा और दाऊद कंपनी जैसे पाकिस्तान स्थित संगठनों से आतंकी खतरे के खिलाफ भारत के साथ खड़े होने का संकल्प जताया। वाइट हाउस ने ओबामा-मोदी की मुलाकात के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा, उन्होंने (ओबामा और मोदी ने) 2008 के मुंबई आतंकी हमले और 2016 के पठानकोट आतंकवादी हमलों के साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में लाने का पाकिस्तान से आह्वान किया।वक्तव्य के मुताबिक मोदी और ओबामा ने अपनी बातचीत में आतंकवाद से मानवता को सतत खतरे की बात मानी और पेरिस से लेकर पठानकोट और ब्रशेल्स से लेकर काबुल तक की हालिया आतंकी घटनाओं की निंदा की।
बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने अपने अधिकारियों को ‘अमेरिका भारत प्रति आतंकवाद संयुक्त कार्यकारी समूह’ की अगली बैठक में सहयोग के विशिष्ट नए क्षेत्रों की पहचान करने का आदेश दिया। इस बयान में कहा गया है, अमेरिका-भारत प्रति आतंकवाद भागीदारी के महत्त्व को देखते हुए नेताओं ने आतंकवादियों की जांच संबंधी सूचना को साझा करने की सरल व्यवस्था को अंतिम रूप देने की बात की। बयान के अनुसार, मोदी और ओबामा ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र समग्र संधि के लिए अपना समर्थन दोहराया जो कि वैश्विक सहयोग के लिए ढांचे को आगे बढ़ाएगा, उसे मजबूत करेगा और इस धारणा को पुख्ता करेगा कि कोई भी वजह आतंकवाद को जायज नहीं ठहराती।
ओबामा प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आतंकवाद के उभार और इस चुनौती से निपटने के लिए सभी देशों के मिल-जुलकर काम करने की जरूरत के बारे में दोनों नेताओं के बीच ‘बेहद व्यापक’ और ‘विचारों से परिपूर्ण’ बातचीत हुई। अधिकारी ने बताया कि दोनों नेताओं ने यह सुनिश्चित करने की जरूरत भी रेखांकित की कि नागरिक समाज और अल्पसंख्यक समुदाय इस मुद्दे के समाधान में पूरी तरह भागीदारी करें।
नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ मुलाकात के बाद बुधवार को अमेरिका ने कहा कि पेरिस में ऐतिहासिक जलवायु परिवर्तन समझौता संभव नहीं होता अगर भारत कुछ महत्त्वपूर्ण प्रतिबद्धताएं व्यक्त करने में नेतृत्व नहीं दिखाता। वाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने कहा, हमने कई बार कहा है कि इस प्रक्रिया में भारत की भूमिका अहम थी और अगर भारत तेज कदम नहीं उठाता और कुछ महत्त्वपूर्ण प्रतिबद्धताएं करने में नेतृत्व नहीं दर्शाता तो पिछले साल दिसंबर में पेरिस में हुए समझौते पर हम शायद वास्तव में पहुंच नहीं पाते। उन्होंने ओबामा और मोदी की मुलाकात पर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए यह बात कही। बातचीत में दोनों नेताओं ने इस साल के अंत तक पेरिस समझौते में शामिल होने की प्रतिबद्धता को पूरा करने की बात दोहराई।
अर्नेस्ट ने कहा, जलवायु परिवर्तन और कार्बन प्रदूषण से लड़ने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय समझौते पर पहुंचने में भारत ने जो अग्रणी भूमिका निभाई है, उसके बारे में व्यापक बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि पिछले साल पेरिस में मोदी की भूमिका वह काम करने के लिए राजनीतिक जोखिम लेने की उनकी दृढ़ता का प्रमाण है कि जो उन्हें देश ही नहीं बल्कि विश्व के लिए सही लगता है।
PM मोदी का भाषण सुनने के लिए नीचे वीडियो पर क्लिक करें।
Live Updates:
# आदरणीय स्पीकर, उप-राष्ट्रपति को धन्यवाद कि उन्होंने मुझे यह अवसर दिया।
The Orchestra have sufficiently tuned their instruments, the baton has given the signal. And there is a new symphony in play: PM Modi
— PMO India (@PMOIndia) June 8, 2016
The constraints of the past are behind us and foundations of the future are firmly in place: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) June 8, 2016
# अमेरिकी संसद से आतंकवाद को पालने-पोसने वालों को कड़ा संदेश मिलना चाहिए। : पीएम मोदी
# दोनों ही देशों को आतंकवाद से मुकाबला करना होगा। दोनों देशों ने ही आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सैनिकों और नागरिकों को खोया है। : पीएम मोदी
For us in India, to live in harmony with mother earth is a part of our ancient belief: PM Modi
— PMO India (@PMOIndia) June 8, 2016
# जो मानवता में भरोसा रखते हैं, उन्हें साथ आना चाहिए और आतंकवाद के खिलाफ एक सुर में आवाज उठानी चाहिए। आतंकवाद को खत्म किया जाना चाहिए। : पीएम मोदी
But its(terrorism) philosophy is common, of hate, murder and violence: PM Modi at US Congress pic.twitter.com/qnP5eLYfbo
— ANI (@ANI) June 8, 2016
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I commend the members of U.S. Congress for sending a clear message to those who preach and practice terrorism for political gains: PM Modi
— PMO India (@PMOIndia) June 8, 2016
# भारत-अमेरिका की मजबूत साझेदारी एशिया से लेकर अफ्रीका तक शांति ला सकती है। : पीएम मोदी
A strong India-U.S. partnership can anchor peace, prosperity, and stability from Asia to Africa & from Indian Ocean to the Pacific: PM Modi
— PMO India (@PMOIndia) June 8, 2016
# हमारा साथ एक बदलाव पैदा कर सकता है। भारत हिन्द महासागर को सुरक्षित बनाने की अपनी जिम्मेदारी समझ रहा है। : पीएम मोदी
I see US as an indispensible partner. Many of you believe that a stronger & prosperous India is in America's strategic interest: PM Modi
— PMO India (@PMOIndia) June 8, 2016
# मेरे सपना है कि हम एक अरब से ज्यादा नागरिकों को कई सामाजिक और आर्थिक परिवर्तनों के माध्यम से सशक्त बना सकें। : पीएम मोदी
India's strong economy and growth rate of 7.6% per annum, is creating new opportunities for our mutual prosperity: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) June 8, 2016
# योग दोनों देशोंं के बीच किसी पुल की तरह काम करता है। : पीएम मोदी
And, we have not yet claimed intellectual property right on Yoga: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) June 8, 2016
# सीरी हमें बताती है कि भारत के प्राचीन योग को अमेरिका में करीब 3 करोड़ लोग फॉलो करते हैं। : पीएम मोदी
Our cooperation secures our cities and citizens from terrorists and protects our critical infrastructure from cyber threats: PM Modi
— PMO India (@PMOIndia) June 8, 2016
# नॉर्मन बॉरलॉग की बुद्धिमत्ता की बदौलत हरित क्रांति हुई और भारत में खाद्य सुरक्षा मिली। : पीएम मोदी
You are well-known for your bipartisanship. I have also witnessed a similar spirit in Indian Parliament, especially in Upper House: PM Modi
— PMO India (@PMOIndia) June 8, 2016
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India will never forget the solidarity shown by U.S. Congress when terrorists from across our border attacked Mumbai in 2008: PM Modi
— PMO India (@PMOIndia) June 8, 2016
# हमारी आजादी भी उसी संघर्ष से पैदा हुई, जैसे आपकी हुई थी। : पीएम मोदी
No wonder then, that President Obama has called our ties the defining partnership of the 21st century: PM Modi
— PMO India (@PMOIndia) June 8, 2016
# जब भारत एक नया आजाद मुल्क था, तब बहुतों ने हमारी क्षमता पर शक किया। हमने लोकतंत्र में अपना भरोसा कायम किया है। : पीएम मोदी
# आपने मुझे यहां बुलाया, यह मेरे लिए सम्मान की बात है। : पीएम मोदी
PM speaks of his visit to @ArlingtonNatl and of those fallen in distant battlefields, both from the US & India in pursuit of similar ideals
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) June 8, 2016
There were many who doubted India when, as a newly independent nation, we reposed our faith in democracy: PM Modi pic.twitter.com/KFVsv3k8QN
— ANI (@ANI) June 8, 2016
PM quotes President Lincoln, applauds spirit of America, dedicated to the proposition that all men are created equal pic.twitter.com/ySHlwf5Wzw
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) June 8, 2016
मोदी अमेरिकी संसद को संबोधित करने वाले पांचवे भारतीय प्रधानमंत्री बन गए हैं। उनसे पहले राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव, अटल बिहारी बाजपेयी और मनमोहन सिंह यूएस कांग्रेस को संबोधित कर चुके हैं।
Washington DC: PM Modi meets US Congress members at US Capitol #ModiInUSA pic.twitter.com/8rSgO7m9h2
— ANI (@ANI) June 8, 2016
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The members of the Congressional Escort Committee will escort Prime Minister into the House to deliver his address pic.twitter.com/FfV8douolV
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) June 8, 2016
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The rituals of an old democratic tradition. PM @narendramodi is greeted by Members of Congressional Escort Committee pic.twitter.com/PDViOIw9ca
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) June 8, 2016
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Senator Reid: One of my most cherished memories is a statue of Gandhi gifted by a student named Modi decades ago pic.twitter.com/ph1Enuttul
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) June 8, 2016
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Advancing the dialogue of democracies. PM @narendramodi meets the Congressional Leadership at Capitol Hill pic.twitter.com/U6NWX1FEiP
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) June 8, 2016
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.@SpeakerRyan: Following shooting incident in gurudwara in my constituency, the Sikh community's compassion & forgiveness has been a lesson
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) June 8, 2016
प्रधानमंत्री अपने भाषण के जरिये अमेरिका के साथ रिश्तों पर विचार व्यक्ति किए। उनवे कहा कि भारत और अमेरिका मिलकर विश्व में एक मिसाल बन सकते हैं। भारत सदैव सहयोग के लिए तैयार है।
This is very important as PM is going to address US Congress,it will show his vision:Chandrashekhar,NASSCOM chief pic.twitter.com/IZIMYSuRiD
— ANI (@ANI) June 8, 2016
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Washington DC: Kalpana Chawla's family arrives at US Capitol, PM Modi to address US Congress shortly #ModiInUSA pic.twitter.com/iVGxTiqRO8
— ANI (@ANI) June 8, 2016
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PM: There has been a significant change in the levels of corruption on account of decisive steps that we have taken pic.twitter.com/aJ5cb0LaYW
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) June 8, 2016