श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे दो दिवसीय भारत के दौरे पर थे। अपने भारत दौरे के दौरान उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम समझौते हुए। श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के साथ अपनी चर्चा के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा हित को ध्यान में रखना चाहिए।
भारत ने चीन को लेकर श्रीलंका को चेताया
पीएम मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने साफ कहा कि कोलंबो को तीसरी शक्ति के साथ सहयोग करने से पहले भारत के राष्ट्रीय हित और सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए। सूत्रों के अनुसार राष्ट्रपति विक्रमसिंघे (Sri Lankan President Ranil Wickremesinghe) इस बात पर सहमत हुए कि श्रीलंका भारत की रणनीतिक और सुरक्षा चिंताओं के प्रति संवेदनशील होगा। बता दें कि बीजिंग बेल्ट रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के तहत चीन कोलंबो को जोड़ रहा है और इससे भारत भी अंजान नहीं है। वर्तमान में श्रीलंका चीन के कर्ज तले दबा है।
2022 के आर्थिक संकट के दौरान जब चीन सहित दुनिया के कई देश श्रीलंका की मदद को तैयार नहीं थे तब भारत ने उसकी मदद की थी। भारत ने उस दौरान श्रीलंका को गहरे राजनीतिक संकट से बाहर निकालने के लिए वित्तीय, खाद्य और तेल सहायता दी थी।
पीएम मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति से कहा कि भारत आर्थिक संकट के समय में उसकी मदद करने के अपने रास्ते पर कायम रहेगा। बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने भविष्य में डिजिटल, तेल, बिजली, सड़क और रेल कनेक्टिविटी पर ध्यान देने को लेकर सहमति व्यक्त की।
श्रीलंका के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी की तारीफ की
श्रीलंकन राष्ट्रपति की भारत यात्रा को लेकर विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा था कि दोनों नेताओं ने आने वाले वर्षों में द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा की। दोनों देशों के बीच साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि पदभार ग्रहण करने के बाद यह मेरी भारत की पहली यात्रा है। मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई दी कि उनके नेतृत्व में भारत जबरदस्त विकास कर रहा है।