चीन की सेना ने एक फोटो प्रकाशित की है जिसमें इसके एक लड़ाकू बम वर्षक विमान के ताईवान के ऊपर कथित तौर पर उड़ते दिखाया गया है जिससे प्रायद्वीपीय देश चिंतित है। एक दिन पहले अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ‘एक चीन नीति’ पर सवाल उठाने से बीजिंग ने तीखी प्रतिक्रिया जताई थी। सरकारी मीडिया ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने खबर दी है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयरफोर्स (पीएलएएफ) ने एक फोटो प्रकाशित की थी जिसमें लंबी दूरी का बमवर्षक विमान ताईवान के सबसे ऊंचे पर्वत युशान में दृश्यता रेंज तक उड़ता दिख रहा है। इस बात को लेकर चर्चा है कि क्या चीन बलपूर्वक प्रायद्वीप का एकीकरण कर देगा और इससे ताईवान काफी चिंतित है। इसने कहा कि पीएलए की वायुसेना ने फोटो को अपने साइना वाइबो अकाउंट पर प्रकाशित किया है जिसमें दिखाया गया है कि शियान-एच 6 के बमवर्षक विमान पर्वत की दो चोटियों के ऊपर बादलों में उड़ान भर रहा है। खबर में कहा गया है, ‘चीन के सैन्य कमेंटेटर का मानना है कि ये चोटियां ताईवान के एक पहाड़ की हैं।’

बहरहाल ताईवान के ‘रक्षा मंत्रालय’ के प्रवक्ता चेन झोंगजी ने सेंट्रल न्यूज एजेंसी को बताया कि चीन के विमान ताईवान के वायु रक्षा आईडेंटिफिकेशन जोन के बाहर ही उड़ सकता है और मंत्रालय उनकी गतिविधियों पर निगरानी कर सकता है। इसने कहा कि अनुमान ‘आधारहीन’ हैं। अखबार ने लिखा है कि सैन्य विशेषज्ञ चेन वाइहाओ ने ताईवान के उपग्रहीय टेलीविजन चैनल और केबल टीवी नेटवर्क टीवीबीएस को बताया कि पहली बार चीन के विमान को ताईवान की सीमा में उड़ते दिखाया गया है जिसका चीन पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव है। इसने कहा, ‘चीन द्वारा बलपूर्वक ताईवान के एकीकरण पर चर्चा तेज होती जा रही है क्योंकि स्वतंत्रता समर्थक ताईवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन ने चीन विरोधी भावनाओं को भड़काना जारी रखा है।’

ट्रम्प के ताईवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन से बातचीत के बाद चीन और ट्रम्प के बीच छिड़े शब्द युद्ध के बाद सरकारी मीडिया में यह खबर आई है। ट्रम्प और ताईवान की राष्ट्रपति के बीच बातचीत अभूतपूर्व है क्योंकि अमेरिका एक चीन नीति को मानता है जिसके तहत चीन दावा करता है कि ताईवान मुख्य भूमिका का हिस्सा है और इसे वह अपना प्रांत मानता है। ताईवान की राष्ट्रपति से वार्ता पर चीन के विरोध के बाद ट्रम्प ने गुस्से में कहा, ‘अपनी करंसी का अवमूल्यन करने के लिए क्या चीन हमसे पूछता है (जिससे हमारी कंपनियों को कठिनाई होती है), उनके देश में जाने वाले हमारे उत्पादों पर भारी कर लगाता है (अमेरिका उन पर कर नहीं लगाता) या दक्षिण चीन सागर में बड़ा सैन्य परिसर बनाने के लिए हमसे पूछता है?’ बाद में ट्रम्प ने एक साक्षात्कार में कहा कि ‘मैं नहीं चाहता कि चीन मुझे बताए कि क्या करना है और क्या नहीं करना है। मैं नहीं समझता कि हमें एक चीन नीति का पालन करना चाहिए जब तक कि हम व्यापार सहित अन्य चीजों पर चीन के साथ समझौता नहीं कर लेते।’