पंजाब के लोकप्रिय गायक सिद्धू मूसेवाला की तस्वीर का इस्तेमाल पाकिस्तान में हो रहे चुनाव में किया जा रहा है। हाल में ही इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (PTI) के एक पोस्टर पर सिद्धू मूसेवाला की तस्वीर नजर आई है। पीटीआई के उम्मीदवार जैन कुरैशी के चुनावी होर्डिंग में सिद्धू मूसेवाला की तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।
दरअसल, पाकिस्तान के पंजाब स्टेट में 17 जुलाई को उपचुनाव होने वाले हैं और वहां चुनाव प्रचार-प्रसार जोरों पर हैं। इस प्रचार में पाकिस्तान के पूर्व प्रधनामंत्री इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ अपने पोस्टर में दिवंगत सिंगर सिद्धू मूसेवाला की फोटो का इस्तेमाल कर रही है। इस पोस्टर में मूसेवाला के साथ पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री महमूद कुरैशी के बेटे जैन कुरैशी और वहां के लोकल लीडर्स भी नजर आ रहे हैं।
पोस्टर लगवाने के पीछे क्या मकसद: पोस्टर में मूसेवाला की फोटो के साथ नीचे ‘295’ भी लिखा हुआ है, यह उनका सबसे फेमस गाना है। होर्डिंग पर मूसेवाला की फोटो के बारे में BBC उर्दू से बात करते हुए जैन कुरैशी ने कहा कि जिन्होंने भी यह पोस्टर छपवाया मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहता हूं। मूसेवााला की फोटो की वजह से हमारा यह पोस्टर बहुत वायरल हुआ। है। इससे पहले हमारा कोई पोस्टर इतना पॉपुलर नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह पोस्टर किसने लगवाए हैं और इसके पीछे उसका मकसद क्या था।
जैन कुरैशी पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी के बेटे हैं। पाकिस्तान में भी बड़ी तादाद में मूसेवाला के प्रशंसक हैं। सिद्धू मूसेवाला और उनके गानों को पाकिस्तान में भी काफी लोकप्रियता हासिल है। शायद यही कारण है कि पंजाब में उपचुनाव के दौरान इमरान खान की पार्टी उनकी तस्वीरों का इस्तेमाल कर रही है।
गोली मारकर हुई थी हत्या: गौरतलब है कि सिद्धू मूसेवाला की 29 मई 2022 को पंजाब के मनसा जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उन्होंने फरवरी में मनसा से कांग्रेस के टिकट पर राज्य विधानसभा चुनाव लड़ा था। उनकी हत्या के पीछे गैंगस्टर लारेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार का नाम सामने आया है। पंजाब पुलिस के मुताबिक हत्या वाले दिन सिद्धू मूसेवाला बिना सुरक्षा के घर से निकले थे। इसी दौरान उनकी कार को रोककर हमलावरों ने गोलीबारी की। मूसेवाला को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था। इस घटना के बाद पंजाब की कानून-व्यवस्था पर खूब सवाल उठे थे।