जम्मू-कश्मीर के उरी स्थित सैनिक बेस पर हुए आतंकी हमले में 17 जवान शहीद हो गए। रविवार तड़के हुए इस हमले में 20 भारतीय जवान घायल हुए हैं। तीन घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद भारतीय जवानों ने चार आतंकियों को मार गिराया। भारत पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (एलओसी) के निकट स्थित 12 इन्फैंट्री ब्रिगेड पर हुए इस हमले के बाद भारतीय सेना ने कहा कि प्रारंभिक सूत्रों के अनुसार सभी आतंकी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी थे और सीमापार से घुसपैठ कर के भारत आए थे। भारतीय सेना के अनुसार 13-14 जवान वहां बनाए गए अस्थायी टेटों और शेल्टरों में आग लगने की वजह से मारे गए।

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हमले की कड़ी निंदा करते हुए रविवार और सोमवार को ताजा हालात पर उच्च स्तरीय बैठक की। सभी भारतीय राजनीतिक दलों ने हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए ‘आतंकियों को मदद देने’ के लिए पाकिस्तान की निंदा की है। हालांकि पाकिस्तान ने हमले के पीछे कोई भूमिका होने से इनकार किया है।

आइए देखते हैं कि सोमवार को प्रमुख पाकिस्तानी अंग्रेजी अखबारों उरी आतंकी हमले को किस तरह लिया-

द न्यूज इंटरनेशनल

पाकिस्तानी अखबार द न्यूज इंटरनेशनल का मुख्य पृष्ठ।
पाकिस्तानी अखबार द न्यूज इंटरनेशनल का मुख्य पृष्ठ।

अखबार ने उरी हमले को मुख्य पृष्ठ पर जगह देते पाकिस्तानी अधिकारियों के हवाले से इसे “पठानकोट हमले जैसा ड्रामा” बताया है जिससे भारत पाकिस्तान के खिलाफ “आतंकवाद की डुगडुगी” पीट सके। अखबार ने भारतीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के पाकिस्तान संबंधित बयान को भी जगह दी है। अखबार ने पाकिस्तानी सेना के हवाले से लिखा है कि “ये भारत का जाली फ्लैग ऑपरेशन है” और उरी को इसके लिए खास तौर पर चुना गया है क्योंकि यहां की सिख बहुल आबादी कश्मीर के मुसलमानों के संघर्ष में मदद कर सकती थी। अखबार के इन्वेस्टिगेटिव एडिटर अंसार अब्बासी द्वारा लिखी रिपोर्ट में अखबार ने भारत की हाई-सिक्योरिटी आर्मी यूनिट पर हुए इस हमले पर सवाल खड़े किए हैं।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून

पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून।
पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून।

अखबार ने उरी हमले को मुख्य पृष्ठ पर जगह देते हुए भारत द्वारा पाकिस्तान को इसके लिए जिम्मेदार ठहराए जाने पर सवाल उठाया है। अखबार ने पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के ट्वीट को भी अपनी रिपोर्ट में जगह दी है जिसमें उन्होंने कहा था, “आजादी की मुहिम को बदनाम करने के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार बताने के लिए अंदरूनी कार्रवाई की संभावना को भी खारिज न करें।” अखबार ने लिखा है कि एलओसी के करीब हुए इस उग्रवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में जबानी-जंग शुरू हो चुकी है और परमाणु शक्ति-संपन्न दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।

द पाकिस्तान ऑब्जर्वर

पाकिस्तानी अखबार पाकिस्तान ऑब्जर्वर।
पाकिस्तानी अखबार पाकिस्तान ऑब्जर्वर।

अखबार ने उरी हमले के लिए भारत द्वारा पाकिस्तान को जिम्मेदार बताए जाने को “निराधार आरोप” बताया है। अखबार ने पाकिस्तानी सेना के मिलिट्री ऑपरेशन के डायेरक्टर जनरल के हवाले से लिखा है, “पाकिस्तानी जमीन से किसी तरह की घुसपैठ नहीं हुई है क्योंकि एओसी के दोनों तरफ अभेद सुरक्षा व्यवस्था है।” अखबार ने भारतीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बयान को “पाकिस्तान विरोधी भड़ास” करार दिया है। अखबार ने ध्यान दिलाया है कि सिंह का बयान संयुक्त राष्ट्र की उस बैठक से पहले आया जिसमें कथित तौर पाकिस्तान कश्मीर का मुद्दा उठाने वाला है।

द डॉन

पाकिस्तानी अखबार द डॉन।
पाकिस्तानी अखबार द डॉन।

प्रमुख पाकिस्तानी अखबार द डॉन ने उरी हमले को अपने पहले पन्ने पर जगह दी है। अखबार ने भारतीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार बताए जाने की आलोचना की है। अखबार ने अपनी लीड रिपोर्ट में कहा है कि “भारत पाकिस्तान पर एलओसी के पार आतंकी भेजने और उन्हें हथियार उपलब्ध कराने का आरोप नियमित तौर पर लगाता रहा है।” अखबार ने उरी हमले पर एक संपादकीय भी लिखा है। संपादकीय में अखबार ने आरोप लगाया है कि भारत द्वारा पाकिस्तान पर जिम्मेदार बताए जाने से दोनों देशों के संबंध पहले से भी खराब हो सकते हैं। अखबार ने संपादकीय में राजनाथ सिंह द्वारा पाकिस्तान को “आतंकी राष्ट्र” कहे जाने का भी जिक्र किया है। अखबार ने पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के बयान का भी जिक्र किया है जिसमें उसने कहा है, “भारत में होने वाली किसी भी अवांछित हादसे के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया जाता है।”