प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पाकिस्तान को कड़े शब्दों में जवाब देने के बाद पाकिस्तानी लेखक और विश्लेषक तारिक फतेह ने कहा कि जब तक पाकिस्तान को यह दर्द खुद महसूस नहीं होगा तब तक उनके लिए ये खाली धमकियां हैं। फतेह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, ‘यह अच्छा है कि उन्होंने (पीएम मोदी) एक बार फिर यह कहा। लेकिन यह निर्भर करता है कि इसका पाकिस्तानी सैन्य सरकार पर कोई असर पड़ता है या नहीं। मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान इसे गंभीरता से लेगा क्योंकि उनके लिए ये केवल खाली धमकियां हैं।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सरकार को खुद को यह दर्द महूसस नहीं होगा, उनके नजरिए में कोई बदलाव नहीं होगा।

उन्होंने कहा, ‘यह तभी हो सकता है, जब भारत सिंद्धू नदी जल संधि में कोई कदम उठाए।’ उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी ब्लैकमेल और आतंक एक्सपोर्ट करने की नीति इस्तेमाल करता है। साथ ही उन्होंने कहा, ‘यह पाकिस्तान ही है जो ब्लैलमेल और आतंक एक्सपोर्ट करने पर निर्भर है। वह सऊदी अरब की फंडिंग के जरिए आतंकी हमले करके यूएस, चीन और यूरोपियन यूनियन को ब्लैकमेल करता है। उस धरती पर रहने वाले बदकिस्मत हैं कि पंजाबी मिलिट्री मुल्ला माफिया लोग बलूचियों, सिंधियों और पश्तूनों पर नियंत्रण कर रहे हैं।’

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पीएम मोदी के गरीबी के खिलाफ जंग पर कमेंट करते हुए फतेह ने कहा, ‘पाकिस्तान के लिए गरीबी बहुत जरूरी है। कोई उच्च वर्ग गरीबों के शोषण का आनंद कैसे उठा सकता है। वहां का सत्ता करने वाला वर्ग नहीं चाहेगा कि गरीबी खत्म हो क्योंकि गरीबी खत्म हुई तो सत्ता खत्म हो जाएगी।’

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शनिवार को पीएम मोदी ने कोझीकोड में रैली को संबोधित करते हुए पाकिस्तान पर हमला बोला था। पीएम मोदी ने कहा था कि पाकिस्तान के लोगों को अपने नेताओं से कहना चाहिए कि भारत और पाकिस्तान ने एक साथ ही आजादी पाई थी लेकिन भारत सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट करता है और हमारा देश आतंकी एक्सपोर्ट करता है। उन्होंने कहा कि भारत कभी भी उरी आतंकी हमले को नहीं भूल ससकता। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान को चुनौती दी कि अगर वे युद्ध चाहते हैं तो गरीबी और समाज की अन्य बुराईयों के खिलाफ लड़ें।

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