पाकिस्तान में अल्पसंख्यक वर्ग के बुरे हाल का मुद्दा कई बार यूएन में उठ चुका है। अमेरिका भी कई बार पाकिस्तान को धार्मिक उन्माद फैलाने के लिए चेतावनी जारी कर चुका है। हालांकि, उस पर अब तक यह चेतावनियां बेअसर रही हैं। आलम यह है कि पाकिस्तानी सेना के अफसर अब दूसरे देशों में भी धर्मांतरण कराने में जुट गए हैं। ताजा मामला मध्य अफ्रीकी देश कॉन्गो का है। यहां पाकिस्तानी सेना का एक वरिष्ठ अफसर आधिकारिक ड्यूटी पर लगे संयुक्त राष्ट्र मिशन के कर्मचारियों को ही इस्लाम में परिवर्तित कराने का आरोपी बनाया गया है।
बता दें कि कॉन्गो में मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं। बताया गया है कि पाकिस्तानी सेना का अफसर यहां यूएन मिशन में इसाई कर्मचारियों के पास पहुंचा और उन्हें इस्लाम अपनाने के लिए कहने लगा। इंटरनेशन बिजनेस टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिस पाकिस्तानी अधिकारी पर यह आरोप लगे हैं, उसका नाम कर्नल साकिब मुश्ताकी है। बताया गया है कि वह कॉन्गो में छिड़े गृहयुद्ध के बीच भेजी गई सेना का डिप्टी कमांडर है।
इसी बीच घटना की जानकारी मिलने के बाद यूएन जनरल हेडक्वार्टर्स ने आंतरिक जांच के आदेश दे दिए हैं। अभी यह साफ नहीं है कि पाकिस्तानी अफसर के खिलाफ क्या कार्यवाही की जा सकती है। बता दें कि कॉन्गो में 1999 में यूएन मिशन के आने के बाद से ही पाकिस्तान ने ईस्टर्न कॉन्गो में इस्लाम को बढ़ावा देने के लिए धर्म परिवर्तन को बढ़ावा दे रहा है। फ्रेंच अखबार ले सोयर के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना की टुकड़ी ने कीवू और इतुरी क्षेत्र में मस्जिदें बना ली हैं।
करतूतों के लिए बदनाम हो रहे पाकिस्तानी सैनिक: यह पहली बार नहीं है, जब यूएन पीसकीपिंग मिशन में शामिल पाकिस्तानी सैनिकों पर इस तरहके आरोप लगे हों। इससे पहले 2012 में दो पाकिस्तानी सैनिकों पर हैती में 14 साल के एक बच्चे के यौन शोषण का आरोप लगा था। इससे पहले यूएन में पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरम पर भी अपने पार्टनर के साथ हिंसा करने के आरोप लगे थे। उन पर केस भी दर्ज हुए थे, हालांकि डिप्लोमैटिक इम्युनिटी की वजह से वे बच निकले थे।