पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की तरफ से कुछ दिन पहले भारत को बातचीत का ऑफर दिया गया था। यहां तक कहा गया था कि पाकिस्तान हर मुद्दे पर बात करना चाहता है। लेकिन अब भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से दो टूक कहा गया है कि अभी कोई बातचीत नहीं होने वाली है। जब तक आतंकवाद पर रोक नहीं लग जाती, किसी तरह की कोई बातचीत संभव नहीं है।

भारत की पाकिस्तान को दो टूक

जारी बयान में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने भी ऐसी रिपोर्टें देखी हैं जहां कहा गया कि पाकिस्तान बातचीत करना चाहता है। भारत का तो एक ही स्टैंड रहा है, सभी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रखे जाएं। लेकिन आतंकवाद मुक्त माहौल रहना जरूरी है। इस समय पाकिस्तान क्योंकि एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा लगातार उठा रहा है, ऐसे में उस पर भी विदेश मंत्रालय की तरफ से प्रतिक्रिया दी गई है।

विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान अपना प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए समय-समय पर कश्मीर का मुद्दा उठाता रहता है। लेकिन अब हम उसके उस प्रोपेगेंडा को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते हैं। ये भी बात साफ कर दी गई है कि इस समय भारत की जो भी बैठकें होनी हैं, वो जी 20 बैठक के दौरान ही होंगी, उसके इतर किसी भी तरह की बैठक में शामिल नहीं हुआ जा रहा है।

पाकिस्तान क्या चाहता था?

इसका मतलब ये है कि आने वाले समय में पाकिस्तान के साथ भारत की कोई बातचीत नहीं होने वाली है। जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले ही पाक पीएम शहबाज शरीफ ने कहा था कि वे भारत से बातचीत को तैयार हैं। उनका कहना था कि अगर भारत गंभीर है, तो हम भी बातचीत को तैयार हैं। अगर देखा जाए तो पिछले 75 सालों में हम तीन बार युद्ध कर चुके हैं। इन युद्ध से सिर्फ गरीबी, बेरोजगारी ही मिली है। अब कुछ मुद्दों पर सार्थक चर्चा की जानी चाहिए।

वैसे पाकिस्तान की तरफ से इस तरह का बयान उस समय आया जब उसकी खुद की आर्थिक स्थिति काफी पतली हो चुकी है। उस पर कर्ज चढ़ा हुआ है, विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो रहा है और महंगाई सारे रिकॉर्ड पहले ही तोड़ चुकी है। इससे पहले भी एक मौके पर पाकिस्तान ने इस बात पर दुख जाहिर किया था कि उसने भारत से कई युद्ध गंवाए हैं। तभी वो बातचीत की टेबल पर आना चाहता था। लेकिन भारत का साफ कहना है कि जब तक आतंकवाद पर रोक नहीं, बातचीत भी संभव नहीं।

सीमा हैदर-अंजू केस पर क्या बोला?

अब विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान पर तो जवाब दिया ही, सीमा हैदर और अंजू मामले पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। ज्यादा कुछ तो नहीं बताया गया, लेकिन इतना जरूर कहा कि सीमा मामले में जांच एजेंसियां अपनी जांच कर रही है, वहीं अंजू का मामला कोई विदेश नीति से जुड़ा नहीं है। सरकार अंजू केस को निजी मामला बताकर छोड़ दिया है।