पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके बेटे हमजा को मनी लॉन्ड्रिंग केस में नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो ने निर्दोष घोषित करते हुए एक रिपोर्ट पेश की है। रिपोर्ट में प्रधानमंत्री, उनकी पत्नी नुसरत शहबाज और बेटे हमजा शहबाज समेत अन्य आरोपियों को निर्दोष बताते हुए कहा गया कि दोबारा जांच में उनकी इस मामले में कोई संलिप्तता नहीं पाई गई है।

अकाउंटेबिलिटी कोर्ट के न्यायाधीश कमर-उल-जमान ने मामले की सुनवाई की। शहबाज शरीफ के वकील अनवर हुसैन अपने मुवक्किल की ओर से अदालत में पेश हुए। वहीं, शहबाज के बेटे आज की सुनवाई के दौरान पेश नहीं हुए। उन्होंने मेडिकल आधार पर पेशी से छूट की मांग के लिए याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया।

एक अधिकारी के मुताबिक, एनएबी संशोधन अधिनियम के तहत आरोपियों पर भ्रष्टाचार के आरोपों की पुष्टि नहीं की जा सकी। हालांकि, कोर्ट अब इस मामले में 24 मई को सुनवाई करेगा। वहीं, आरोपी सैय्यद मुहम्मद ताहिर नकवी और हारून यूसुफ अजीज और की अंतरिम जमानत भी 24 मई तक के लिए बढ़ा दी गई है।

क्या है पूरा मामला

एनएबी द्वार यह मामला दायर किया गया था, जिसमें शहबाज और उनके परिवार पर मनी लॉन्ड्रिंग और फर्जी खातों के जरिए पैसे के अवैध ट्रांसफर के आरोप लगाए गए थे। हालांकि, शहबाज परिवार इन आरोपों से लगातार इनकार करता रहा है और उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित करार दिया था। पाकिस्तान की फेडरल इंवेस्टिगेशन एजेंसी मामले की जांच कर रही थी। जांच के दौरान, शहबाज परिवार के 28 बेनामी खातों का पता लगाया, जिसके जरिए 2008 से 2018 के दौरान 16.3 बिलियन रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग की गई थी। जांच एजेंसी ने 17,000 क्रेडिट लेनदेन के मनी ट्रेल की जांच की।

एफआईए ने दिसंबर 2020 में पीएमएल-एन के दो नेताओं के खिलाफ चीनी घोटाला मामले में 16 अरब रुपये की राशि के शोधन में कथित संलिप्तता के लिए अदालत में चालान पेश किया था। इस मामले में शहबाज और हमजा के अलावा सुलेमान शहबाज के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था। प्राथमिकी में 14 अन्य लोगों को भी नामजद किया गया। रिपोर्ट में पता चला कि हिडेन अकाउंट्स में राशि को रखा गया था, जो शहबाज को व्यक्तिगत रूप से दिया गया। शरीफ परिवार ने मनी लॉन्ड्रिंग या अन्य अवैध वित्तीय गतिविधियों में शामिल होने से लगातार इनकार किया है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ मामला राजनीति से प्रेरित है और देश में उनकी प्रतिष्ठा को बदनाम करने का एक प्रयास है। वहीं,एफआईए ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बेटे सुलेमान शहबाज को क्लीन चिट देते हुए कहा कि एजेंसी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी संलिप्तता का कोई सबूत नहीं मिला है।