पाकिस्तान जम्मू कश्मीर का मुद्दा लंबे समय से उठाता रहा है लेकिन उसके कब्जे वाले कश्मीर में क्या हालात हैं? इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पीओके का गिलगित बाल्टिस्तान इलाका कोरोना संक्रमण का हॉटस्पॉट बना हुआ है और वहां सिर्फ दो वेंटीलेटर का इंतजाम है। गिलगित बाल्टिस्तान से चीन के शिनजियांग प्रांत की सीमा लगती है और यहां 800 से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन चिंता की बात ये है कि इस इलाके में मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर है ही नहीं, ऐसे में कोरोना माहमारी से निपटना यहां बड़ी चुनौती बन गया है।

डॉ.अमजद अयूब मिर्जा नामक एक मानवाधिकार कार्यकर्ता ने अपने ट्वीट में दावा किया है कि गिलगित बाल्टिस्तान में दवाईयों के साथ ही वेंटीलेटर की भी भारी कमी है और बड़ी संख्या में कोरोना मामले सामने आने के बावजूद यहां के अस्पतालों में सिर्फ 2 वेंटीलेटर्स हैं।

एक वकील मोहम्मद बकर मेहंदी ने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए बताया कि “उन्हें (सरकार) फंड और डोनेशन मिलती है लेकिन वह उस फंड का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए करते हैं ना कि लोगों की भलाई के लिए। हालांकि उन्हें एहसास नहीं है कि लोग ही उन्हें जनमत देकर सत्ता में पहुंचाते हैं। मैं अथॉरिटीज से अपील करूंगा कि वह इस इलाके में भी ध्यान दें, जो कि पहले ही कई अधिकारों से वंचित है। कोरोना वायरस के साथ ही यहां बेरोजगारी भी बहुत बढ़ गई है।”

बता दें कि पाकिस्तान में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। गुरुवार तक पाकिस्तान में 85,264 कोरोना मामले सामने आ चुके हैं। अब वहां तकरीबन हर रोज करीब पांच हजार मामले सामने आ रहे हैं। पाकिस्तान में भी कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू है। ताकि लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।