पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री शेख राशिद अहमद अपने बयान से एक बार फिर सुर्खियों में हैं। हाल ही में पाकिस्तान में वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर सरकारी कर्मचारी विरोध प्रदर्शन कर रहे थे और इस प्रदर्शन को कुचलने के लिए यहां पुलिस ने उनपर आंसू गैस के गोले दागे थे। अब पुलिस की इस कार्रवाई को सही ठहराते हुए शेख राशिद अहमद ने कहा है कि सरकारी कर्मचारियों पर आंसू गैस के गोले दागना बेहद जरूरी था। आंसू गैस के गोले काफी लंबे वक्त से रखे हुए थे और उनका इस्तेमाल नहीं हुआ था।
शेख रशिद ने कहा है कि ‘हमने अभी तनख्वाहों में इजाफा किया है। थोड़ी बहुत टियर गैस भी चलाई है वो भी जरुरी होती है, क्योंकि टियर गैस चलाना भी जरुरी है। टेस्ट करना चाहिए टियर गैस को, वो बड़े अरसे से बेकार पड़ी हुई थी। इसलिए उसकी थोड़ी सी टेस्टिंग की है, ज्यादा नहीं की है…और ज्यादा महफूज है हमारे पास अभी।’
प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागने के बाद पाकिस्तान के मंत्री का अजीबोग़रीब बयान, बोले-
काफी समय से आंसू गैस के गोले रखे थे, इसलिए उनकी टेस्टिंग जरूरी थी#Pakistan #SheikhRashid pic.twitter.com/G7AOPAEyqs
— News24 (@news24tvchannel) February 15, 2021
पाकिस्तानी मीडिया डॉन के मुताबिक देश के मंत्री ने यह भी कहा कि वास्तविक समस्या आंसू गैस के गोले नहीं थी, बल्कि वेतन बढ़ोतरी है, जिसकी वजह से महंगाई के दौरान इस वक्त खजाने पर अरबों रुपये का भार पड़ेगा।
आपको बता दें कि बीते 10 फरवरी को पाकिस्तान में वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर प्रदर्शन हुए थे। जिसके बाद इन प्रदर्शनकारियों पर पुलिसिया दमन की तस्वीर सामने आई थी। इस्लामाबाद के नैशनल प्रेस क्लब के बाहर बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। इसमें बलूचिस्तान और पंजाब में तैनात कर्मचारी भी शामिल थे। बाद में प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन की ओर मार्च शुरू किया। जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागते हुए लाठियां भांजी। कर्मचारियों के इस्लामाबाद की सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को इमरान सरकार ने देश की सुरक्षा से जोड़ दिया था।
बहरहाल पाकिस्तानी सरकार के मंत्री के इस बयान के बाद इमरान सरकार की काफी किरकिरी हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग जहां उनके इस बयान की निंदा कर रहे हैं तो वहीं देश की विपक्षी पार्टियां भी इमरान सरकार पर निशाना साध रही हैं। पीएमएल-एन नेता मोहम्मद जुबैर ने कहा कि ‘किसी भी अन्य देश में, इस तरह का बयान का मतलब है वहां के मंत्री को तुरंत हटाया जाना और सरकार की ओर से फौरन माफी मांगा जाना।’