पाकिस्तान में अगले हफ्ते आम चुनाव होने हैं। इस बार भी अहम सियासी मुद्दा पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के चीफ इमरान खान ही हैं। वजह है उनके ऊपर दर्ज किए गए अलग-अलग मुकदमे और उनकी कानूनी लड़ाई। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग के महासचिव हारिस खालिक ने एक बयान दिया है। जिसमें उन्होंने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के खिलाफ किए गए सभी प्रयासों के बावजूद इमरान खान की लोकप्रियता कम नहीं हुई है।

बुधवार को इस्लामाबाद की एक विशेष अदालत ने भ्रष्टाचार के आरोप में इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को 14 साल जेल की सजा सुनाई। अदालत ने फैसला सुनाया कि खान ने 2018 से 2022 तक प्रधान मंत्री रहते हुए लाखों रुपये के सरकारी उपहार बेचे थे।

इमरान खान और उनकी पार्टी के पास अब क्या रास्ता?

14 साल की सजा सुनाए जाने से पहले अदालत ने इमरान खान और पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरेशी को देश के रहस्यों को उजागर करने के आरोप में 10 साल जेल की सजा सुनाई थी। ऐसे मुश्किल वक्त में इमरान खान और उनकी पार्टी के पास क्या रास्ता है यह काफी अहम सवाल है।

अदालत के लगातार यह दो फैसले 8 फरवरी को होने वाले आम चुनाव से ठीक पहले आए हैं। कई चुनावी विश्लेषक मानते हैं कि चुनाव से ठीक पहले ऐसा फैसला कई सवाल खड़े करता है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने इमरान खान के खिलाफ दोनों मामलों में मुकदमे की प्रक्रिया और इसकी निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं।

पीटीआई के एक वरिष्ठ नेता जुल्फी बुखारी ने बताया कि इमरान खान के वकीलों को उनकी ओर से बोलने या गवाहों से जिरह करने की अनुमति नहीं दी गई थी। यह फैसला निचली अदालत से आया है और सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ अपील कर दी गई है। अगर सुप्रीम कोर्ट निचली अदालत के फैसले को निरस्त कर देता है तो इमरान खान को कुछ राहत मिल सकती है।

चुनाव में क्या होगा?

पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ के प्रवक्ता राऊफ हसन ने कहा कि इमरान खान के साथ जो कुछ भी किया जा रहा है इसका फायदा उन्हें चुनाव में मिलेगा और लोग बड़ी तादाद में वोट करेंगे। हसन ने कहा, “हम पीटीआई को वोट देने के लिए मतदान केंद्रों पर पहुंचने वाले मतदाताओं की संख्या में बढ़ोतरी की कोशिश करेंगे और ज़्यादा लोगों को अपने हक की बात बताएँगे।” पाकिस्तान में चुनावी सर्वे का हवाला देते हुए हसन ने कहा कि अब भी सबसे ज़्यादा लोकप्रिय हमें ही बताया जा रहा है।