पाकिस्तान में जारी सियासी उठापटक के बीच वहां बुधवार आधी रात को अचानक संसद भंग कर दी गई। नोटिफिकेशन जारी कर कहा गया है कि संविधान के आर्टिकल 58 के तहत नेशनल असेंबली भंग की जाती है। उम्मीद है कि आने वाले तीन महीने के अंदर वहां चुनाव हो सकते हैं। इस बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि पूर्व प्रधानमंत्री और मुख्य विपक्षी नेता इमरान खान इस चुनाव में हिस्सा ले पाएंगे या नहीं। 70 साल के इमरान खान इस वक्त पाकिस्तान की जेल में हैं। उन्हें तोशखाना भ्रष्टाचार मामले में 3 साल की सजा सुनाई गई है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सलाह पर बुधवार को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने संसद के निचले सदन ‘नेशनल असेंबली’ को उसके पांच साल के संवैधानिक कार्यकाल पूरा होने से तीन दिन पहले भंग कर दिया। निचले सदन को भंग करने के लिए जारी अधिसूचना में कहा गया कि नेशनल असेंबली को संविधान के अनुच्छेद 58 के तहत भंग कर दिया गया है। इसके साथ ही देश में जल्द ही आम चुनाव हो सकते हैं।
पीएम शहबाज शरीफ ने राष्ट्रपति से की सिफारिश
शहबाज शरीफ ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर नेशनल असेंबली भंग करने की सिफारिश की थी। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार और दो दिन सत्ता में रह सकती थी लेकिन उसका मानना है कि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान की पार्टी के पूर्व नेता राष्ट्रपति अल्वी निचले सदन को भंग करने के लिए तुरंत अधिसूचना जारी करने से इनकार कर सकते हैं।
सदन का कार्यकाल पूरा होने से तीन दिन पहले भंग
‘जियो न्यूज’ की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार देर रात राष्ट्रपति अल्वी को नेशनल असेंबली भंग करने के लिए एक पत्र भेजा, जिससे कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो सकेगी। संसद के निचले सदन का कार्यकाल पूरा होने से तीन दिन पहले प्रधानमंत्री शहबाज की ओर से इसे भंग करने की सलाह राष्ट्रपति अल्वी को भेजी गई है।
राष्ट्रपति अल्वी या तो नेशनल असेंबली को भंग करने के लिए तुरंत अधिसूचना जारी कर सकते हैं या इसमें 48 घंटे की देरी कर सकते हैं। नेशनल असेंबली समय से पहले भंग होने की सूरत में पाकिस्तान निर्वाचन आयोग 90 दिनों के भीतर चुनाव कराएगा। वहीं,अगर नेशनल असेंबली ने अपना संवैधानिक कार्यकाल पूरा कर लिया होता, तो चुनाव 60 दिनों के अंदर कराए जाते।