पाकिस्तान में मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) की एक और घटना सामने आई है। शनिवार (11 फरवरी) को ईशनिंदा के आरोप में भीड़ ने एक व्यक्ति को जिंदा जला दिया। मामला पंजाब के ननकाना साहिब जिले का है, जहां वारिस इसा नाम के एक शख्स पर पवित्र कुरान का अपमान करने का आरोप लगा। स्थानीय पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी कर लिया था लेकिन इसकी खबर जब इलाके में फैली तो थाने के सामने भारी भीड़ जमा हो गई।

पाकिस्तान में शख्स की मॉब लिंचिंग

घटना लाहौर से करीब 80 किलोमीटर दूर ननकाना साहिब के वारबर्टन पुलिस स्टेशन में हुई। जहां भीड़ पुलिस से आरोपी को सौंपने की मांग करने लगी। बाद में उकसाने पर भीड़ ने थाने पर हमला बोल दिया और आरोपी को पुलिस लॉकअप से छुड़ा लिया। घटना से जुड़े वीडियो में भीड़ वारबर्टन पुलिस स्टेशन के गेट को तोड़कर थाने में घुसती दिखी। इसके बाद आरोपी को जबरन लॉकअप से खींचकर लाई। उसके कपड़े उतारकर शख्स को सड़क पर पीटते हुए घसीटा गया। पीटे जाने से उसकी मौत हो गई। मारे गए शख्स का नाम वारिस इसा बताया जा रहा है।

ननकाना साहिब के डीएसपी, एसएचओ निलंबित

पूरी घटना के समय पुलिस मूकदर्शक बनी रही। हिंसक भीड़ को देखकर पुलिस ऑफिसर भी सहम गए थे और उन्होंने भीड़ को रोकने की भी कोशिश नहीं की थी। रिपोर्ट के मुताबिक स्टेशन हाउस ऑफिसर वारबर्टन फिरोज भट्टी और अन्य पुलिसकर्मी अपनी जान को बचाने के लिए घटनास्थल से फरार हो गए थे। ननकाना साहिब के डीएसपी, एसएचओ को इस घटना के बाद निलंबित कर दिया गया है। पुलिस ने बयान जारी कर बताया है कि ननकाना साहिब सर्कल के पुलिस उपाधीक्षक नवाज वारक और वारबर्टन स्टेशन हाउस ऑफिसर फिरोज भट्टी को निलंबित कर दिया है।

पीएम शहबाज शरीफ ने दिया कार्रवाई का आदेश

पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने इस हमले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है। उन्होंने यह भी सवाल किया कि पुलिस हिंसक भीड़ को रोकने में विफल क्यों रही और पंजाब में पुलिस महानिरीक्षक (IGP) को जिले में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।

अल-जज़ीरा की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वारिस को 2019 में ईशनिंदा के पिछले आरोप में गिरफ्तार किया गया था और वह साल 2022 तक जेल में था। शनिवार को पुलिस ने उसे छुड़ाया और हिरासत में ले लिया क्योंकि उसे कुरान का अपमान करते देख लोगों ने उसकी पिटाई कर दी थी।