पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए 8 फरवरी को वोटिंग हुई थी। आज वोटों की गिनती खत्म हुई और लंबे इंतजार के बाद आखिरकार चुनाव आयोग ने नतीजे घोषित कर दिए हैं। इस चुनाव की खास बात यह है कि किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिल सका है। 100 से ज्यादा सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली है, जिनमें से बड़ी संख्या पीटीआई यानी पूर्व पीएम इमरान खान के समर्थकों की बताई जा रही है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि मुल्क में सरकार का गठन कैसे होगा।

चुनाव आयोग द्वारा घोषित नतीजों की बात करें तो इसमें पीटीआई समर्थित जीते हुए प्रत्याशियों की संख्या 101 के करीब बताई जा रही है। इसके अलावा दूसरे नंबर पर 3 बार के पूर्व पीएम नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज रही। इसके हिस्से में 75 सीटें आई हैं। वहीं बिलावल जरदारी भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के खाते में 54 सीटें ही आई हैं। इसके अल कराची की मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान 17 सीटें मिलीं है।

पाकिस्तान में त्रिशंकु संसद की स्थिति बन रही है। ऐसे में निर्दलीयों की सरकार बनने में अहम भूमिका हो सकती है। पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान सभी निर्दलीय विजेता प्रत्याशियों को एकजुट कर अपने पाले की कोशिश करने में जुटे हुए हैं। बहुमत का आंकड़ा पाने के लिए 133 सीटें चाहिए। कुल निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या भी 101 ही हैं। ऐसे में इमरान खान के लिए चुनौती भी यही है कि आखिर वे अन्य 32 उम्मीदवार कहां से लाएंगे क्या वे बिलावल भु्ट्टो से समर्थन लेंगे य फिर नवाज शरीफ का रुख करेंगे। इसके अलावा उनके सामने चुनौती ये भी है कि वे अपने समर्थक विजेता नेताओं को बचाकर रखें, वरना उनका कुनबा कमजोर हो सकता है।

इमरान खान को नहीं बनने देंगे पीएम?

दूसरी ओर पाकिस्तान में पूर्व पीएम नवाज शरीफ और बिलावल भुट्टों जरदारी के बीच बातचीत भी सरकार गठन को लेकर शुरू हो गई है। अगर ये दोनों पार्टियां साथ आ भी जाती है तो बहुमत के आंकड़े से 6 सीट कम रहेंगी। ऐसे में भी उन्हें निर्दलीय उम्मीदवारों की आवश्यकता पड़ेगी। ऐसे में दोनों पार्टियां निर्दलीय उम्मीदवारों को अपने साथ लाने की प्लानिंग कर रहे हैं क्योंकि दोनों ही नेता किसी भी कीमत पर इमरान खान को फिर से पीएम नहीं बनने देना चाहते हैं।

नवीज शरीफ कर रहे सरकार बनाने की तैयारी

मुल्क के पूर्व प्रधान मंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के प्रमुख नवाज शरीफ ने पाकिस्तान को मौजूदा कठिनाइयों से बाहर निकालने के लिए एक साथ मिलकर सरकार बनाने का आह्वान किया था। नवाज को पीछे से पाकिस्तानी सेना का भी समर्थन मिल रहा है। नवाज शरीफ ने अपने छोटे भाई और पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को इस मसले पर बांकी पार्टियों और जीते हुए उम्मीदवारों से बातचीत करने की जिम्मेदारी दी है।

वहीं एमक्यूएम-पी का एक डेलीगेशन डॉ. खालिद मकबूल सिद्दीकी के नेतृत्व में लाहौर में है। उन्होंने शहबाज के साथ बैठक की है। नवाज शरीफ के साथ एक बड़ी बैठक में पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ, मरियम नवाज और अन्य नेता भी मौजूद रहे थे। इसमें सरकार के गठ को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। एमक्यूएम-पी के नेताओं का कहना है कि वे नवाज शरीफ की पार्टी के साथ सरकार बनाने के लिए तैयार हैं। दूसरी ओर पाकिस्तान सेना के प्रमुख प्रमुख जनरल मुनीर ने भी बीते दिन लोकतांत्रिक ताकतों को एक साथ आकर सरकार बनाने की मांग की थी।

इमरान खान के सामने है बड़ी चुनौती

इमरान खान के सरकार के गठन को लेकर पाकिस्तान के एनालिस्ट बताते हैं कि अगर पीटीआई से जीते हुए उम्मीदवार एक साथ आकर सरकार बनाते हैं तो संभव है लेकिन यह रास्ता लंबा है। इसके लिए इमरान खान की पार्टी पीटीआई को चुनाव आयोग से अपना चुनाव चिन्ह वापस लेना होगा, जो कि काफी मुश्किल दिख रहा है।