पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में विज्ञान और तकनीक मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र की आलोचना की है, हालांकि ट्विटर यूजर्स ने तुरंत उन्हें इसका जवाव दे दिया। दरअसल हुसैन ने ह्यूस्टन में पीएम मोदी के एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम से पहले की तस्वीर शेयर की। तस्वीर में उन्होंने दिखाने की कोशिश की कि अमेरिकी भारतीय मोदी को ज्यादा तवज्जों ने नहीं देते इसलिए उनके कार्यक्रम में ज्यादा भीड़ जुट पाई। तस्वीर के साथ उन्होंने लिखा, ‘अरबों रुपए खर्च करने के बाद मोदी की जनता द्वारा किया गया आशाविहीन शो। ये लोग केवल कनाडा औ दूसरी जगह से लोगों को इकट्ठा कर सकते हैं। यह दिखाता है पैसे से सबकुछ नहीं खरीदा जा सकता है।’

फवाद हुसैन के ट्वीट पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए एक भारतीय ने लिखा कि मदरसे से पढ़े-लिखे विज्ञान और तकनीक मिनिस्टर। उन्होंने एक तस्वीर भी शेयर की जिसमें हजारों के संख्या में लोग पीएम मोदी का कार्यक्रम सुनने पहुंचे। एक यूजर ने कार्यक्रम के वीडियो भी शेयर किया जिसमें मोदी आगमन से पहले भारी भीड़ बैठी नजर आई। ट्विटर यूजर बोल्ड मैन ने लिखा, ‘प्रिय हुसैन साहब मुझे पूरा विश्वास है कि बड़ी संख्या में पाकिस्तानी बुद्धिमान हैं और वो आपकी बात पर विश्वास नहीं करेंगे। यहां देखिए असली वीडियो। आपके लिए बरनोल जैसा पल है।’ एक यूजर ने लिखा, ‘लाइव देख लेते तो पता चल जाता।’

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को आतंकवाद के समर्थन के लिए पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा और कहा कि अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के भारत के फैसले से वे लोग परेशान हैं जो अपने ही देश को नहीं संभाल पा रहे। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ ‘‘निर्णायक लड़ाई’’ का भी आह्वान किया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उपस्थिति में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में आतंकवाद के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए यह बात कही। उन्होंने पाकिस्तान और उसके प्रधानमंत्री इमरान खान का नाम लिए बिना दोनों पर निशाना साधा।

मोदी ने कहा, ‘‘अनुच्छेद 370 ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद एवं अलगाववाद को बढ़ावा दिया।’’प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के सामने 70 साल से एक बड़ी चुनौती थी जिसे कुछ दिन पहले भारत ने ‘‘फेयरवेल’’ दे दिया है। मोदी ने कहा कि अनच्छेद 370 ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को विकास से और समान अधिकारों से वंचित रखा था। इस स्थिति का लाभ आतंकवाद और अलगाववाद बढ़ाने वाली ताकतें उठा रहीं थीं साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इसके प्रावधानों के निरस्तीकरण से क्षेत्र का विकास होगा एवं वहां समृद्धि आएगी तथा महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों के खिलाफ भेदभाव को खत्म करेगा।