पाकिस्तान ने मंगलवार पंजाब प्रांत की विभिन्न जेलों में बंद आठ दोषियों को फांसी दे दी। पिछले साल दिसंबर में एक सैनिक स्कूल पर आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान द्वारा मृत्युदंड पर से रोक हटाने के बाद अब तक 310 लोगों को फांसी दी जा चुकी है।
पेशावर में हुए आतंकी हमले की पहली बरसी से ठीक एक दिन पहले हत्या के अलग-अलग मामलों में दोषी ठहराए गए इन कैदियों को फांसी दी गयी। पिछले साल हुए इस आंतकी हमले में कुल 150 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वाले में अधिकतर छात्र थे। इसके बाद सरकार कोे मृत्युदंड पर से छह साल बाद प्रतिबंध हटाना पड़ा था।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार हाल में मुल्तान, बहावलपुर, गुजरात, अटक और डेरा गाजी खान की जेलों में फांसी दी गई। अधिकारी ने कहा ‘मुल्तान, बहावलपुर और गुजरात में दो-दो, डेरा गाजी खान और अटक में एक-एक दोषी को फांसी दी गयी।’ उन्होंने बताया ‘वे लोग हत्या के अलग-अलग मामलों में दोषी ठहराए गए थे।’
इस तरह, पाकिस्तान में एक वर्ष से भी कम समय में विभिन्न अपराधों के सिलसिले में 310 लोगों को फांसी दी जा चुकी है। संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, एम्नेस्टी इंटरनेशनल और ह्यूमन राइट्स वाच जैसे संगठनों ने पाकिस्तान से मृत्युदंड रोकने की मांग की है। पाकिस्तान ने यह कहते हुए उनकी मांगों को ठुकरा दिया कि इससे देश में आतंकवाद को रोकने में मदद मिलेगी।