पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने माना है कि उनकी सरकार एक कमजोर सरकार थी। खान ने पाक की सेना पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार को हर तरफ से ब्लैकमेल किया जाता था। इमरान ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री तो था लेकिन मेरे हाथों में देश की कमान नहीं थी। मेरे हाथ बंधे हुए थे।

पाक के पूर्व पीएम ने कहा कि सब जानते हैं कि मेरे कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान की सत्ता किसके हाथ में थी। बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव हारने के बाद अप्रैल में इमरान खान को सत्ता से बेदखल कर दिया गया था। पूर्व प्रधानमंत्री का आरोप है कि यह अमेरिका-नीत साजिश का हिस्सा था क्योंकि उन्होंने रूस, चीन और अफगानिस्तान पर स्वतंत्र विदेश नीति अपनाई थी।

क्रिकेटर से नेता बने 69 वर्षीय इमरान खान ने बुधवार को बोल न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि शासन के दौरान हमारे हाथ बंधे हुए थे। हमें हर तरफ से ब्लैकमेल किया जा रहा था। हमारे हाथों में सत्ता नहीं थी। सब जानते हैं कि किसके हाथों में कमान थी। हम उन्हीं पर निर्भर थे। उन्होंने कहा देश को दुश्मनों से बचाने के लिए फौज का मजबूत होना जरूरी है लेकिन एक मजबूत सेना तथा मजबूत सरकार के बीच “संतुलन” होना भी बेहद जरूरी है।

उन्होंने फौज पर निशाना साधते हुए कहा, “हम हर समय उन पर निर्भर रहते थे। उन्होंने बहुत सी चीजें अच्छी भी की हैं, लेकिन जो बहुत सी चीजें करनी चाहिए थीं, उन्होंने नहीं की। उनके पास सत्ता है, क्योंकि नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (एनबीए) जैसे संस्थानों पर उनका नियंत्रण है।” पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के पास देश की जिम्मेदारी थी, लेकिन सत्ता या शक्ति नहीं थी।

वहीं सत्ता से बेदखल हुए इमरान खान ने आगाह करते हुए कहा कि अगर देश में नए सिरे से चुनाव नहीं हुए तो देश में गृहयुद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान में चुनाव कराने की मांग को लेकर एक और मार्च निकालने की जल्द घोषणा करेंगे।

गौरतलब है कि खान को पिछले महीने विपक्षी पार्टियों ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए प्रधानमंत्री पद से हटा दिया था। हालांकि, उन्होंने इसमें अमेरिका का हाथ बताया था।