पाकिस्तान में नौ मार्च को राष्ट्रपति चुनाव और 3 मार्च को PM का चुनाव होना है। प्रधानमंत्री पद के लिए नामांकन 2 मार्च तक भरा जाना है। नवाज शरीफ के दल मुस्लिम लीग नवाज (PML-N) की तरफ से शहबाज शरीफ मैदान में हैं, जिन्हें बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) की तरफ से समर्थन मिल रहा है। वहीं, जेल में बंद पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने उमर अयूब खान को अपना प्रत्याशी बनाया है। हालांकि, पूरी उम्मीद है कि शहबाज आसानी से चुनाव जीतने में कामयाब हो जाएंगे।
पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को घोषणा की कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान नौ मार्च को होगा। जिसमें पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी का लगभग 11 साल बाद फिर से शीर्ष संवैधानिक पद हासिल करना लगभग तय है। जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ECP) ने एक नोटिस में कहा कि राष्ट्रपति चुनाव नौ मार्च को नेशनल असेंबली और सभी प्रांतीय असेंबली में सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक होगा।
पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की जीत लगभग तय
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, संबंधित पद के लिए उम्मीदवार शनिवार दोपहर से पहले लाहौर, कराची, पेशावर और क्वेटा में निर्वाचन अधिकारियों के पास नामांकन पत्र दायर कर सकते हैं। ईसीपी ने कहा कि अधिकारियों द्वारा नामांकन पत्रों की छंटनी चार मार्च को की जाएगी, और इसके अगले दिन नाम वापस लिया जा सकता है। पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाले छह दलों के गठबंधन द्वारा शीर्ष पद के लिए नामित किया गया है। इससे जरदारी की जीत लगभग तय मानी जा रही है। गठबंधन में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) समेत अन्य दल शामिल हैं।
वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी से समर्थित उम्मीदवार अली अमीन गंडापुरा शुक्रवार को अशांत खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मुख्यमंत्री निर्वाचित हुए। प्रांतीय विधानसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष बाबर सलीम स्वाति ने सदन के सत्र की अध्यक्षता की। वह बृहस्पतिवार को अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे।
खैबर पख्तूनख्वा की 106 सदस्यीय सदन में खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) समर्थित उम्मीदवार गंडापुरा को 90 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के डॉ. इबादुल्लाह खान को केवल 16 मत मिले। गंडापुरा को सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल के सदस्यों का समर्थन प्राप्त था जबकि इबादुल्लाह को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्लियामेंटेरियंस (पीटीआई-पी) का समर्थन प्राप्त था।