Pakistan General Election 2018: पाकिस्तान में बहुप्रतीक्षित आम चुनाव के लिए बुधवार को मतदान हुए। शाम छह बजे तक चले मतदान के बाद मतगणना शुरू होगी।चुनाव के नतीजों पर पाकिस्तान ही नहीं पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हैं। बेटी मरियम सहित नवाज शरीफ के कोर्ट के आदेश पर जेल चले जाने के कारण विरोधी इमरान खान की स्थिति मजबूत बताई जाती है। रात तीन बजे तक चुनाव परिणाम घोषित हो जाने की उम्मीद है। पाकिस्तान में चुनाव के दौरान काफी खून-खराबा भी हुआ है। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज को रावलपिंडी की जेल से वोट नहीं देने दिया गया गया, जबकि अन्य 93 कैदियों को जेल प्रशासन ने वोट डालने की अनुमति दी थी।
आम चुनाव के दौरान पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा में जबर्दस्त धमाका हुआ। इस हमले में 28 लोगों की मौत हो गई, जबकि दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। बलूचिस्तान के ही नसीराबाद में एक पोलिंग बूथ पर अराजक तत्वों ने फायरिंग कर दी। इसमें दो लोग घायल हो गए। वहीं, मर्दान में इमरान खान और नवाज शरीफ की पार्टी के समर्थकों में भिड़ंत हो गई। दूसरी तरफ, चुनावी हिंसा की घटनाओं को देखते हुए पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी ने निजी टीवी चैनलों को चुनाव से संबंधित सामग्री न दिखाने को कहा है। चुनाव आयोग द्वारा चिंता जताए जाने के बाद यह कदम उठाया गया है।
पीटीआई के प्रमुख इमरान खान जब वोट डाल रहे थे, उस वक्त उनका किसी ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। जिससे आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में उनका मत निरस्त हो सकता है।’डॉन’ के अनुसार, खैबर-पख्तूनख्वा में महिलाओं को पोलिंग बूथ से भगा दिया गया। पाकिस्तानी जनता एक नई नेशनल एसेंबली और प्रांतीय विधानसभाओं को चुनने के लिए बुधवार(25 जुलाई) को मतदान कर रही है। मतदान बुधवार सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक चला।
बता दें कि आम चुनाव में 272 सीटों के लिए लगभग 100 राजनीतिक दल चुनाव मैदान में हैं। कुल 3549 उम्मीदवार 272 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। अन्य 60 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं, जबकि 10 फीसदी सीटें हिंदुओं सहित अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं। चुनाव के दिन लगभग 16 लाख मतदान कर्मीऔर पांच लाख पुलिसकर्मी तैनात किए गए।


पाकिस्तान के चुनाव पर चीन ने बारीक नजर गड़ा रखी है। वजह कि चीन का पाकिस्तान में करीब 62 अरब डॉलर फंसा हुआ है। इस नाते चीन सत्ता परिवर्तन की आशंका पर यह भांपने में अभी से जुटा है कि इमरान सत्ता में आए तो प्रोजेक्ट का क्या होगा। दरअसल चुनाव प्रचार के दौरान इमरान इस प्रोजेक्ट की आलोचना कर चुके हैं। जबकि बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव कार्यक्रम को नवाज शरीफ ने अपने कार्यकाल में काफी सपोर्ट किया था।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) ने आम चुनाव के दिन जनता के नाम जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का ऑडियो टेप जारी किया। उनके ऑडियो टेप को टि्वटर पर पोस्ट किया गया है। पूर्व पीएम ने इसके जरिये कहा, 'जेल से मैं मोहम्मद नवाज शरीफ बोल रहा हूं। मैं जेल से भी आपलोगों के उत्साह को देख सकता हूं। मैं 'वोट को इज्जत दो' जैसे नारे को सुन भी सकता हूं। यही समय है जब देश के पतन में योगदान करने वाली ताकतों के खिलाफ आखिरी जोर लगाया जाए। मुझे और मरियम को इसलिए जेल में बंद कर दिया गया कि हमलोगों ने आपके मत की पवित्रता को बनाए रखने के लिए लड़ाई लड़ी।'
मुख्य मुकाबला शरीफ की हतोत्साहित पार्टी 'पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज' (पीएमएल-एन), क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच है। इसके साथ ही यहां कई छोटी पार्टियां भी चुनाव में अपना किस्मत आजमा रही हैं। इस समय भ्रष्टाचार के आरोपों में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अपनी बेटी और दामाद के साथ जेल में बंद हैं।
मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बेटा हाफिज तल्हा और दामाद खालिद वलीद भी मैदान में हैं। यह दोनों उन 260 उम्मीदवारों में शामिल हैं, जिन्होंने 2011 में पंजीकृत हुई 'अल्लाह-ओ-अकबर तहरीक' के उम्मीदवार के रूप में नामांकन किए हैं। लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार का कार्यकाल 31 मई को पूरा हो गया, लेकिन तब पाकिस्तान में उथल-पुथल की स्थिति थी और चुनाव में आगे माने जाने वाले इमरान खान ने नवाज शरीफ पर लगातार हमले शुरू कर दिए। नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में अदालत ने प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया।
पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने 25 जुलाई को देश में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है ताकि बड़ी संख्या में लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। देशभर में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए मतदान केंद्रों में 3,71,388 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। निर्वाचन अधिकारियों के मुताबिक, 5,878 मतदान केंद्रों को अत्यधिक संवेदनशील घोषित किया गया है, इसका मतलब है कि यहां हिंसा हो सकती है।
पाकिस्तान में 11वें आम चुनाव के लिए बुधवार को मतदान केंद्रों के बाहर बड़ी संख्या में मतदाताओं का हुजूम जुटना शुरू हो गया। पहला वोट खैबर पख्तूनख्वा के चारसद्दा में डाला गया। मतदान केंद्र आधिकारिक तौर पर सुबह आठ बजे खुले लेकिन मतदाताओं को सुबह सात बजे से ही मतदान केंद्रों के बाहर कतार में खड़े देखा गया। मुख्य मुकाबला शाहबाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), बिलावल भुट्टो जरादारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) और इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के बीच है।
अपने रैलियों में आक्रामक रुख अख्तियार करने वाले इमरान खान ने सोमवार रात को विशाल रैलियों में कहा कि शरीफ का विकास करने का दावा केवल 'विज्ञापनों में है।' उन्होंने लोगों से पाकिस्तान की किस्मत बदलने की अपील की। पीएमएल-एन अध्यक्ष और शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ ने सोमवार को जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी जीतेगी।
आतंकवादी हमलों के डर के बीच देश में ऐसी कई रैलियां हुई, जहां हजारों लोग नेताओं को सुनने पहुंचे। उम्मीदवारों ने घर-घर जाकर भी लोगों से अपने लिए समर्थन मांगा। मेनस्ट्रीम टेलीविजन और सोशल मीडिया ने अभियान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। चुनाव अभियान के दौरान हुई आतंकवादी घटनाओं में तीन उम्मीदवारों समेत लगभग 200 लोग मारे गए।
पाकिस्तान में आम चुनावों में ईश निंदा कानून का समर्थन करने वाले और वैश्विक आतंकवाद में संलिप्त रहने तथा धार्मिक अल्पसंख्यकों की हत्याओं के आरोपी कुछ कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन भी अपने उम्मीदवार खड़े कर रहे हैं जिससे रूढ़िवादी देश में कट्टरपंथ के और बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। इन पार्टियों में आतंकवादी संगठनों से संबंध रखने में आरोपी अल्लाह-ओ-अकबर तहरीक (एएटी), देश में इस्लामिक कानून लागू करने का वादा कर रही तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) और देश में शिया और अन्य अल्पसंख्यक धर्मो के खिलाफ हिंसा भड़काने की आरोपी अहले सुन्नत वल जमात संगठन शामिल हैं।
चुनाव अभियान के अंतिम दिन इमरान खान ने पीएमएल-एन के मजबूत गढ़ लाहौर में चार रैलियां की। पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने अपनी पार्टी के लिए चुनाव अभियान की समाप्ति पंजाब के डेरा गाजी खान में एक जनसभा से की। पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने अपने समर्थकों को उनके पारंपरिक गढ़ सिंध में संबोधित किया। इससे पहले उन्होंने अपनी दिवंगत मां बेनजीर भुट्टो और दादा जुल्फिकार अली भुट्टो को श्रद्धांजलि अर्पित की।
पड़ोसी देश पाकिस्तान में बुधवार को नेशनल असेम्बली की 272 सीटों के लिए चुनाव होने जा रहा है, जिसमें 171 महिलाएं किस्मत आजमा रही हैं। यह पहला मौका है, जब इस देश में इतनी बड़ी संख्या में महिलाएं चुनाव लड़ रही हैं। इन 171 महिलाओं में 70 निर्दलीय उम्मीदवार हैं, जो किसी पार्टी का टिकट न मिलने के बावजूद अपने दम पर चुनावी मैदान में उतरी हैं।
बड़ी तादाद में महिलाओं का चुनाव लड़ना यह संकेत देता है कि आधी आबादी अब चुप रहकर सबकुछ सहते रहना नहीं चाहतीं। वे घर ही देहरी लांघकर सत्ता के गलियारों तक पहुंचना चाहती हैं, ताकि उनके हालात बदलें। यह राह आसान नहीं है, यही वजह है कि पाकिस्तान की राजनीति में बेनजीर भुट्टो के बाद अब तक कोई महिला नेता अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाई है।
इमरान के विरोधियों के अनुसार उनकी पार्टी को सेना और खुफिया संस्था 'इंटर-सर्विसिस इंटेलिजेंस' (आईएसआई) का समर्थन प्राप्त है, जिस वजह से कहा जा रहा है कि उन्हें अपने विरोधियों के खिलाफ थोड़ी बढ़त हासिल है। खान का दावा है कि वह देश की अब तक की पारंपरिक राजनीतिक पार्टियों को मात देकर 'नया पाकिस्तान' बनाएंगे।