संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दे को उठाते हुए पाकिस्तान ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र में वीटो के इस्तेमाल के कारण ‘‘लंबे समय से चल रहे विवाद’’ का समाधान नहीं हो सका और मामले में संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव को लागू करने में ‘‘बाधा’’ आई है। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने नौ मार्च को सुरक्षा परिषद् सुधार को लेकर अंतर सरकारी समझौता विषय पर कहा, ‘‘सुरक्षा परिषद् में वीटो के इस्तेमाल से कश्मीर का लंबे समय से चल रहे विवाद पर प्रस्ताव रुक गया और इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव को लागू करने में बाधा आई।’’

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी दूतावास की तरफ से जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है। संयुक्त राष्ट्र रिकॉर्ड के मुताबिक सुरक्षा परिषद् के एक स्थायी सदस्य रूस ने 1962 में आयरलैंड के एक प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया था जिसमें भारत और पाकिस्तान से आग्रह किया गया था कि कश्मीर विवाद के समाधान के लिए समझौता करें। लोदी ने वीटो पर पाकिस्तान के रुख को दोहराते हुए कहा कि वह परिषद् में वीटो के साथ या वीटो के बगैर किसी नये सदस्य को शामिल करने के खिलाफ हैं।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि उनका मानना है कि नीति निर्णय में विशेषाधिकार के साथ भूमिका सुरक्षा परिषद् को ज्यादा लोकतांत्रिक, प्रतिनिधित्व और जवाबदेह बनाने के खिलाफ है। मलीहा ने कहा, ‘‘पाकिस्तान केवल गैर स्थायी श्रेणी में सुरक्षा परिषद् विस्तार का समर्थन करता है।’’

बैठक में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने भारत के रूख को दोहराते हए कहा कि जब तक वीटो रहता है तब तक इसे नये स्थायी सदस्यों को भी दिया जाना चाहिए और ‘‘लचीलापन और समझौते की इच्छा’ के उपाय के तहत वीटो प्रयोग को भविष्य के समीक्षा सम्मेलन तक टाला जा सकता है।’’

वीटो मुद्दे को टालने का कड़ा विरोध करते हुए मलीहा ने कहा कि पाकिस्तान वीटो को महत्वपूर्ण मुद्दा मानता है जिसे सुरक्षा परिषद् में व्यापक संशोधन के हिस्से के तौर पर देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती या टाला नहीं जा सकता। पाकिस्तान ऐसे किसी प्रस्ताव का समर्थन नहीं करता जिसका उद्देश्य महत्वपूर्ण मुद्दे को टालना या समीक्षा प्रक्रिया के माध्यम से अन्य सदस्यों के विस्तार की संभावना को खुला छोड़ता है।’’

लोधी ने यह भी कहा कि जो देश सुरक्षा परिषद् के नये सदस्यों को वीटो देने का आह्वान करते हैं वे इसके उपयोग या दुरुपयोग की आलोचना भी करते हैं। बयान में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मानता है कि वीटो को खत्म कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इस तरह के प्रस्ताव को ही वीटो किए जाने को देखते हुए हम आशावादी रूख रखते हैं कि ऐसे उपाय हों जिससे वीटो को सीमित किया जा सके।’’