पाकिस्तान ने चीन की कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर 1 माह के लिए सभी टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने से रोक दिया है। चीन की कंपनी पर सरकारी परियोजना में बोली के दौरान फर्जी दस्तावेज जमा करने का आरोप है। पाकिस्तान की नेशनल एंड डिस्पैच कंपनी (NTDC) ने इस चीनी कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया है।
माना जा रहा है कि पाकिस्तान के इस कदम से चीन की नाराजगी बढ़ सकती है। वो पाकिस्तान सरकार के खिलाफ कुछ सख्त कदम उठा सकता है। करीब दो महीने पहले सीपैक के तहत बन रहे दासू डैम प्रोजेक्ट में चीन के 9 इंजीनियरों की हत्या कर दी गई थी। चीन ने पाकिस्तान से 48 मिलियन डॉलर का मुआवजा मांगा था। उस समय चीन की नाराजगी को लेकर पाकिस्तान सरकार बैकफुट पर आती दिखी थी।
चीन ने कहा था कि भविष्य में चीन सिर्फ तब ही इन प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू करेगा जब पाकिस्तान सरकार लिखित में उसके स्टाफ की सुरक्षा का भरोसा दिलाएगी। पाकिस्तान सरकार ने अभी तक चीन की मांग पर कोई कदम नहीं उठाया है। उधर, चीन की कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने से दूसरा बखेड़ा खड़ा होता दिख रहा है। माना जा रहा है कि इमरान सरकार के इस कदम से चीन की नाराजगी और ज्यादा बढ़ सकती है।
डॉन अखबार ने एक रिपोर्ट में इस चीनी कंपनी का नाम लिए बगैर बताया है कि NTDC की बोली के दौरान फर्जी दस्तावेज जमा करने के आरोप में इस फर्म को ब्लैक लिस्ट में डाला गया है। चीनी फर्म को एनटीडीसी की टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लेने से एक महीने तक की रोक लगा दी गई है। एनटीडीसी से दो दिन पहले जारी एक पत्र के मुताबिक चीनी फर्म को ब्लैक लिस्ट में डाला गया है।
एनटीडीसी ने कहा कि आदेश का प्रभाव मौजूदा अनुबंधों पर नहीं होगा। पत्र की प्रतियां एनटीडीसी के प्रबंध निदेशक, जल-बिजली और विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और पाकिस्तान इंजीनियरिंग काउंसिल, नेशनल इंजीनियरिंग सर्विसेज पाकिस्तान के एमडी सहित कई कई विभागों के अधिकारियों को भेजी गई हैं। गौरतलब है कि पाकिस्तान में चीन की कई कंपनिया इंफ्रा और पॉवर प्रोजेक्ट को लेकर काम कर रही हैं। इससे तनाव बढ़ने के आसार हैं।