भारत को बदनाम करने के लिए पाकिस्तान एक बार फिर नई साजिश रच रहा है। पाकिस्तान की चाल है कि तीन भारतीयों को अफगानिस्तान में आतंक का स्पॉन्सर घोषित करा दे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत को कूटनीतिक तौर पर और जोर लगाना होगा जिससे की पाकिस्तान के मंसूबों पर पानी फिर जाए। इससे पहले भी पाकिस्तान ने एक भारतीय शख्स को आतंक स्पॉसंर घोषित करने की कोशिश की थी लेकिन अमेरिका ने पाकिस्तान के आरोपों को खारिज कर दिया था।
बीते साल पाकिस्तान ने यूएन 1267 सैंक्शन लिस्ट के तहत चार भारतीयों को आतंकी घोषित करने की कोशिश की थी। इसी नियम के तहत मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित किया गया था। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में भारतीय इंजीनियर वेणुमाधव डोंगरा को आतंकी घोषित कराने की पूरी कोशिश की थी लेकिन अमेरिका को इस आरोप में दम नजर नहीं आया था जिसके बाद यह प्रस्ताव खारिज कर दिया गया था।अब पाकिस्तान की नजर अजय मिस्त्री, गोविंद पटनायक तथा अंगरा अप्पाजी पर है। पाकिस्तान का आरोप है कि ये लोग इंजीनियरिंग की आड़ में तारिक गिदर ग्रुप, लश्कर-ए- जांघवी, जमात-उल- अहरार को आर्थिक और तकनीकी मदद पहुंचाते हैं।
पाकिस्तान का कहना है कि वेणुमाधव डोंगरा को आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव खारिज होना निराशाजनक है। उम्मीद है कि अन्य तीन भारतीयों को आतंकी घोषित किया जाएगा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पारदर्शिता के साथ अपना काम करेगा। पाकिस्तान ने आगे कहा कि “हमारे पड़ोस में लंबे समय तक संघर्ष का लाभ उठाते हुए, भारत ने पाकिस्तान में आतंकवादी समूहों को प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता प्रदान करके पाकिस्तान के अंदर आतंकवाद को बढ़ावा दिया है ताकि निर्दोष लोगों को मारा जा सके। इन भारतीय नागरिकों को अब भारत में निर्वासन के साथ रहना पड़ रहा है जो पाकिस्तान की स्थिति को बताता है कि भारत आतंकवाद का एक राज्य-प्रायोजक है।