पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के स्वास्थ्य को लेकर कई खबरें आ रही थी। अदियाला जेल प्रशासन उनके परिवार को मिलने की इजाजत नहीं दे रहा था। भारी विरोध के बाद पाकिस्तान की सेना, आसिम मुनीर और शहबाज सरकार को झुकना पड़ा। इमरान की बहन डॉ. उज्मा खान ने मंगलवार को रावलपिंडी की अदियाला जेल में अपने भाई से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि इमरान का स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक है लेकिन उन्हें अकेले कारावास में रखकर मानसिक यातना दी जा रही है।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान के परिवार के सदस्यों को उनसे मिलने की अनुमति नहीं दिए जाने के कारण इमरान खान के स्वास्थ्य को लेकर सोशल मीडिया पर कई अटकलें लगाई जा रही थीं। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने पूर्व पीएम और क्रिकेटर इमरान खान के साथ उज्मा की मुलाकात के बाद एक बयान में कहा कि इमरान खान को अलग से कारावास में रखा गया है और उन्हें मानसिक यातना दी जा रही है। उन्होंने कहा, “खुदा का शुक्र है। उनकी सेहत बिल्कुल ठीक है। वह हालांकि बहुत नाराज थे और कह रहे थे कि उन्हें मानसिक यातना दी जा रही है।”

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने यह भी दावा किया कि इमरान खान ने बताया कि प्राधिकारी उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं क्योंकि उन्हें दिन के अधिकतर समय जेल की कोठरी में ही रखा जाता है और केवल थोड़ी देर के लिए बाहर जाने की अनुमति दी जाती है। उन्होंने इमरान खान के हवाले से यह भी कहा कि उन्हें किसी से बात करने की अनुमति नहीं है। इमरान खान से मिलने पर एक महीने से अधिक समय से अघोषित प्रतिबंध था।

इमरान खान अगस्त 2023 से कई मामलों में जेल में बंद हैं। हालांकि अदियाला जेल के प्राधिकारियों ने दावा किया था कि उनका स्वास्थ्य अच्छा है। पीटीआई ने एक बयान में कहा था कि इमरान खान की बहनों में से एक डॉ. उज्मा खान को रावलपिंडी की अदियाला जेल के बाहर बड़ी संख्या में पार्टी समर्थकों के इकट्ठा होने के बाद उनसे मिलने की अनुमति दी गई। इस बीच पंजाब सरकार ने पीटीआई के विरोध प्रदर्शन को विफल करने के लिए अदियाला रोड पर रावलपिंडी के पूरे पुलिस बल को तैनात कर दिया। सरकार ने रावलपिंडी और इस्लामाबाद में पहले ही धारा 144 (चार या अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध) लागू कर दी है।

रावलपिंडी के आठ पुलिस थानों के प्रभारी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अदियाला जेल के बाहर मौजूद हैं। पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “आठ किलोमीटर के इलाके को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। स्कूल और कॉलेज बंद हैं। निवासियों को इलाके से गुजरने के लिए अपना पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य है।” वकीलों के एक ग्रुप ने भी इमरान खान को अलग रखने को लेकर सरकार के खिलाफ इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया। गृह राज्य मंत्री तलाल चौधरी ने कहा कि इस्लामाबाद और रावलपिंडी में धारा 144 का पालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाएगा। इससे पहले इमरान खान के बेटे कासिम खान ने सरकार से उनके पिता के जीवित होने का सबूत देने की मांग की थी। इमरान खान की पार्टी ने प्राधिकारियों को चेतावनी दी कि यदि सरकार उनकी बहनों को उनसे मिलने की अनुमति नहीं देती है तो देशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।