पाकिस्तान में नेशनल असेंबली के लिए हुए चुनाव में अब तक आए नतीजों में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला है। देश के बिगड़े आर्थिक हालात को देखते हुए वहां पर एक स्थिर सरकार की जरूरत है। बहुमत नहीं मिलने से अब सरकार बनाने के लिए गठबंधन करना दलों की मजबूरी होगी। हालांकि चर्चा है कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के नेता बिलावल भुट्टो और पीएमएल-एन (PML-N) के नेता शहबाज शरीफ मिलकर सरकार बनाने पर सहमत हो गए हैं।

आर्मी चीफ बोले- जनता ने अपने अधिकारों का खुलकर किया उपोग

इस बीच चुनावों के दौरान धांधली और सेना के वर्चस्व के आरोपों के बीच पाकिस्तान के थल सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर ने आम चुनावों के सफल आयोजन पर देश को बधाई दी है। उन्होंने किसी भी तरह के धांधली के आरोपों को खारिज करते हुए जनता के वोटिंग अधिकार की आजादी का खुलकर उपयोग करने की सराहना की। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) से जारी एक बयान में उन्होंने कहा, “अराजकता, पोलराइजेशन की राजनीति से आगे बढ़कर देश को स्थिर और मजबूत हाथों में सत्ता सौंपने की जरूरत है। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, हमें इस पर विचार करना होगा कि देश आज कहां खड़ा है और दुनिया के देशों में हमारा सही जगह कहां होनी चाहिए। जनता ने अपना मत दे दिया। अब सभी दल राजनीतिक परिपक्वता दिखाते हुए एकजुटता का उदाहरण पेश करें।”

अमेरिकी कांग्रेस सांसद ने कहा- सेना एक दल का कर रही समर्थन

दूसरी तरफ अमेरिकी सांसदों का नेतृत्व करते हुए भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी और डेमोक्रेट सांसद रो खन्ना (Ro Khanna) ने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सेना अपने उम्मीदवार को “प्रचार” करने और जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के दल की जीत को नकारने के लिए “धांधली” कर रही है। डेमोक्रेट सांसद खन्ना ने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी सेना मौजूदा प्रधानमंत्री का समर्थन कर रही है, जबकि लोगों ने इमरान खान को वोट दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन से पाकिस्तान में अवैध सरकार को मान्यता न देने का भी आग्रह किया। खन्ना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में साफ तौर पर पाकिस्तानी सेना की ओर से तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के कथित समर्थन का जिक्र किया।

ऑस्ट्रेलियाई सरकार का भी आम चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल

ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने भी पाकिस्तान के आम चुनाव में निष्पक्षता पर सवाल उठाया है। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने कहा कि यह “अफसोसजनक” है कि चुनाव के दौरान पाकिस्तानियों को मतदान में “अपनी पसंद जताने से रोका” गया। पाकिस्तान में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त नील हॉकिन्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किए एक पोस्ट में कहा, “सभी राजनीतिक दलों को ये चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं थी।”

पाकिस्तान चुनाव में धांधली के आरोप लगने पर विदेश मंत्रालय ने हैरानी जताई है। एक बयान में मंत्रालय ने कहा है कि आम चुनावों पर कुछ देशों और संगठनों के ‘नकारात्मक बयानों’ से आश्चर्य हो रहा है। मंत्रालय के प्रेस नोट में कहा गया है कि विदेशी बयानों में न तो “चुनावी प्रक्रिया की जटिलता को ध्यान में रखा गया और न ही लाखों पाकिस्तानियों के मतदान के अधिकार की आजादी और उत्साही कोशिश को स्वीकार किया गया।”

यह भी कहा गया, “ये बयान इस निर्विवाद तथ्य को नजरअंदाज करते हैं कि पाकिस्तान ने मुख्य रूप से विदेशी प्रायोजित आतंकवाद से उत्पन्न गंभीर सुरक्षा खतरों से निपटते हुए शांतिपूर्वक और सफलतापूर्वक आम चुनाव कराए हैं।”

रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) और पीएमएल-एन (PML-N) देश में राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता हासिल करने के लिए मिलकर काम करने पर सहमत हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी और फरयाल तालपुर ने शुक्रवार रात लाहौर में पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल-एन अध्यक्ष शहबाज शरीफ से मुलाकात की। इसमें कहा गया है कि दोनों पक्षों ने देश में अगली सरकार के गठन के बारे में बातचीत की।

266 सीटों पर हुए चुनाव में अब तक घोषित 250 सीटों के नतीजों के मुताबिक इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के समर्थन वाले उम्मीदवारों को 91 सीटों पर जीत मिली है। दूसरी तरफ नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के 71 उम्मीदवारों को कामयाबी मिली है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) को 53 सीटें मिलीं। इसके अलावा 33 अन्य लोगों को भी अलग-अलग सीटों से जीत मिली है।