आर्थिक तौर पर तंगहाल पाकिस्तान के अधिकारियों को लेकर एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। डेटा लीक होने से 1400 पाकिस्तानी नागरिकों से जुड़े 600 स्विस खातों का पर्दाफाश हुआ है। स्विट्जरलैंड में पंजीकृत एक निवेश बैंकिंग फर्म क्रेडिट सुइस से लीक हुए आंकड़ों के अनुसार, खाताधारकों में पूर्व-आईएसआई प्रमुख, जनरल अख्तर अब्दुर रहमान खान सहित कई प्रमुख राजनेता और जनरल शामिल हैं।
NDTV की खबर के मुताबिक जनरल अख्तर अब्दुर रहमान खान पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल जियाउल हक के बेहद करीबी थे। अफगानिस्तान में रूस लोहा लेने के लिए मुजाहिदीन नेटवर्क की स्थापना उन्होंने ही की थी। इनका नाम दुनिया भर के उन हजारों नामों में से एक है, जो स्विस बैंक से गुप्त बैंकिंग डेटा के बड़े पैमाने पर लीक होने से उजागर हुआ है।
रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के प्रमुख के रूप में जनरल अख्तर ने अफगानिस्तान में मुजाहिदीन को अमेरिका और दूसरे देशों से अरबों डॉलर की मदद दिलाने में अहम भूमिका अदा की थी। अफगानिस्तान में रूस से जूझ रहे मुजाहिदीन के लिए सऊदी अरब और अमेरिकी फंडिंग खुफिया एजेंसी सीआईए के स्विस बैंक खाते में गई थी। स्विस बैंक में 1985 में जनरल अख्तर के तीन बेटों के नाम पर खाते खोले गए। हालांकि उन पर कभी चोरी का आरोप नहीं लगा।
गौरतलब है कि बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक काला धन बाहर भेजने वाले देशों की सूची में सबसे ऊपर चीन है। उसके बाद रूस, मेक्सिको, भारत और मलेशिया का नंबर आता है। हालांकि, भारत सरकार का दावा है कि भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने कहा है कि स्विस बैंकों में भारतीय ग्राहकों की जमा राशि में 2019 के बाद से गिरावट आई है।
2016 में भारत सरकार और स्विस बैंक के बीच एक समझौता हुआ था जिसके तहत भारत और स्विट्ज़रलैंड के बीच ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इन्फॉर्मेशन के कार्यान्वयन के लिए दोनों देश सहमत हुए थे। समझौते में 2018 से स्विस बैंकों में खोले गए किसी भी भारतीय के खाते के बारे में इनकम टैक्स को सीधे जानकारी मिलने की बात कही गई थी। इसके तहत ही 2019 में स्विस बैंकों की ओर से भारत सरकार के टैक्स विभाग को जानकारी मुहैया कराई गई थी।