पाकिस्तान में इमरान खान की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं, हालांकि वे इस्तीफा देने के बजाए अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने का ऐलान कर चुके हैं। उनके साथ सत्ता में प्रमुख सहयोगी दल मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) के विपक्षी खेमे में जा मिलने और इसकी बकायदा प्रेस कांफ्रेंस करके ऐलान करने के बाद इमरान खान सरकार का गिरना तय हो गया है। इस बीच उनकी सरकार में गृहमंत्री शेख राशिद ने कहा कि प्रधानमंत्री खान आखिरी गेंद तक खेलेंगे। दूसरी तरफ उनकी पूर्व पत्नी रेहाम खान ने ट्वीट करके कहा है कि राजनीति उनके वश की बात नहीं है। उन्होंने सिद्धू के साथ उनकी तस्वीर शेयर कर लिखा- “लगता है कपिल शर्मा शो इनके लिए बेहतर है!”

इससे पहले एबीपी न्यूज चैनल से बात करते हुए रेहाम खान ने कहा कि “इमरान खान को हमसे बेहतर भारत के लोग जानते हैं। उनको यहां तक पहुंचाने में भारत की बड़ी भूमिका रही है। इमरान खान चाहते तो इज्जत के साथ अपना पद छोड़ सकते थे। पाकिस्तान की अवाम ने इन्हें पता नहीं कैसे चार साल तक झेल लिया, वह अब आगे नहीं झेल सकती है।”

वे बोलीं, ” इमरान खान पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो बनने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं। जुल्फिकार अली भुट्टो साहब की कहीं भी नजदीक वे नहीं पहुंच सकते हैं। वे यह सोचें भी नहीं और न ही मुल्क इन्हें जुल्फिकार अली भुट्टो समझता है।”

रेहाम ने कहा, “इन्हें फिल्में बनाने का बड़ा शौक है। अब मैं उम्मीद कर रही हूं कि ये क्रिकेट तो नहीं खेल सकते हैं, लेकिन स्टैंड-अप कॉमेडी या बॉलीवुड का कोई ऑफर जो पहले आप लोग इन्हें मोहब्बत के लिए देते थे, आप दे सकते हैं।”

फिलहाल इमरान खान के नेतृत्व में उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की गठबंधन सरकार के अहम सहयोगी दल मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) के साथ छोड़ देने से इमरान खान साफ तौर पर अल्पमत में आ गए हैं। एमक्यूएम-पी के पास सात सांसद हैं। उसने इस्लामाबाद में प्रेस कांफ्रेंस करके ऐलान किया कि वह विपक्षी खेमे में शामिल हो चुका है।

इमरान खान को सरकार बचाने के लिए 342 सदस्यीय संसद (नेशनल असेंबली) में 172 मत की जरूरत पड़ेगी। जियो न्यूज की खबर के मुताबिक एमक्यूएम-पी ने विपक्ष का सहयोग करने का फैसला किया है और इसके दो मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। एमक्यूएम-पी प्रमुख खालिद मकबूल सिद्दिकी ने कहा, “हम सहिष्णुता और सच्चे लोकतंत्र की राजनीति के लिए नई शुरुआत करना चाहते हैं।”

इमरान खान (69) की पार्टी पीटीआई के सदन में 155 सांसद हैं। इमरान को करीब दो दर्जन सांसदों की बगावत और सहयोगी दलों की चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान के इतिहास में अब तक किसी भी प्रधानमंत्री को अविश्वास प्रस्ताव के जरिये नहीं हटाया गया है, लेकिन इस चुनौती का सामना करने वाले इमरान खान तीसरे प्रधानमंत्री हैं।

उधर, जमीयत उलेमा-ई-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलान फजलुर रहमान ने कहा कि संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली में अब विपक्ष के पास 175 सांसद हैं। यह पहले ही ऐलान किया जा चुका है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ को इमरान खान के हटने के बाद नया प्रधानमंत्री बनाया जाएगा। फिलहाल पाकिस्तान में सियासी घमासान जारी है। देर रात तक इमरान और आर्मी चीफ बाजवा की बैठक होती रही। बीते 24 में दोनों के बीच तीन बार मुलाकात हो चुकी है।