पाकिस्तान में महंगाई के बीच अब डीजल संकट पैदा हो गया है। इसके बाद से महंगाई के मुद्दे पर फेल दिख रही इमरान खान सरकार के लिए अब एक नई मुश्किल पैदा हो गई है। मिली जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के पास अब सिर्फ पांच दिनों का डीजल बचा है।
पाकिस्तान के एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के पास केवल पांच दिनों का डीजल स्टॉक बचा है। युद्ध के कारण 2008 के बाद ऐसी स्थिति पहली बार हुई है। वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें 112 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गई, जो रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से पहले 94 डॉलर प्रति बैरल थी।
सरकारी तेल विपणन कंपनी पाकिस्तान स्टेट ऑयल (पीएसओ) ने ऊर्जा मंत्रालय के महानिदेशक को भेजे गए एक पत्र मेंइस स्थिति के बारे में सूचित किया है। तेल कंपनियों की संस्था ऑयल कंपनीज एडवाइजरी काउंसिल (OCAC) ने पहले ही पाकिस्तानी सरकार को वैश्विक स्तर पर स्टॉक की कमी के कारण डीजल की कमी के संकट के बारे में चेतावनी दी थी। एक और वजह रही जिससे संकट पैदा हुआ। पाकिस्तानी बैंकों ने भी तेल कंपनियों को हाई रिस्क कैटेगरी में डाल दिया था और कर्ज देने से इनकार कर दिया था।
ऑयल कंपनीज एडवाइजरी काउंसिल ने इस संबंध में हस्तक्षेप करने के लिए पाकिस्तानी केंद्रीय बैंक के गवर्नर को एक पत्र भी लिखा था। जनवरी से मार्च 2022 तक 205,000 मीट्रिक टन डीजल की आयात में कमी आई है। जिससे पाकिस्तान में अब ये संकट गहराता दिख रहा है।
यूएस एनर्जी इंफॉर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन के अनुसार, अमेरिका में डिस्टिलेट फ्यूल ऑयल इन्वेंट्री 21% गिरकर 30 मिलियन बैरल हो गई जो कि पांच साल के औसत से नीचे और 2005 के बाद के निम्नतम स्तर पर थी। यूरोप में भी यही हाल है।
बता दें कि इमरान खान सरकार पहले ही महंगाई के मुद्दे पर संघर्ष करती दिख रही है। पाकिस्तान में महंगाई को लेकर विपक्ष पहले ही सरकार को निशाने पर ले रखा है। अब डीजल की कमी पर इमरान खान सरकार मुसीबत में घिरती दिख रही है।