प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा के बाद भारत लौट आए हैं। उनकी इस यात्रा के दौरान कई मुद्दे खास चर्चा में रहे। इनमें से एक अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का भारतीय मुसलमानों को लेकर दिया गया बयान था। जिसे लेकर चर्चा अभी भी जारी है। 

 अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) के एक पूर्व आयुक्त ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को जवाब दिया है। जॉनी मूर ने कहा कि उन्हें (बराक ओबामा को) भारत की निंदा करने से ज्यादा उसकी सराहना करने में अपनी ऊर्जा खर्च करनी चाहिए। 

क्या था बराक ओबामा का बयान

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सीएनएन को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि यदि मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन  प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मिलते हैं, तो बहुसंख्यक हिंदू भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यक की सुरक्षा पर उन्हें बात करना चाहिए। उनके इस बयान के बाद भाजपा के कई नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। 

जॉन मूर ने दिया जवाब 

बराक ओबामा की टिप्पणी पर  जॉनी मूर ने कहा कि भारत मानव इतिहास में सबसे विविधता वाला देश है और अमेरिका को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की तारीफ करनी चाहिए। 

उन्होने कहा, “मुझे लगता है कि पूर्व राष्ट्रपति (बराक ओबामा) को भारत की आलोचना करने से ज्यादा भारत की प्रशंसा करने में अपनी ऊर्जा खर्च करनी चाहिए।  भारत मानव इतिहास में सबसे विविधतापूर्ण देश है। यह एक आदर्श देश नहीं है, ठीक वैसे ही जैसे अमेरिका एक आदर्श देश नहीं है, लेकिन इसकी विविधता ही इसकी ताकत है”। उन्होने आगे कहा, “यहां तक ​​कि अपनी आलोचना में भी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करने से खुद को नहीं रोक सके”।

बराक ओबामा के बयान के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का भी बयान सामने आया है। केंद्रीय वित्त मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बराक ओबामा पर निशाना साधते हुए कहा कि मुझे इस बयान पर हैरानी होती है।

ओबामा को ये नहीं भूलना चाहिए कि उनके कार्यकाल के दौरान ही 6 मुस्लिम देशों पर बॉम्ब फेके गए थे। 26 हजार से ज्यादा बॉम्ब दागे गए होंगे। भारत हमेशा से ही सबका साथ, सबका विकास मंत्र पर आगे बढ़ता है। कांग्रेस तो ये मुद्दा इसलिए उठा रही है क्योंकि वो चुनाव में बीजेपी और पीएम मोदी का मुकाबला नहीं कर सकती है।