एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों का नाम भी उन 14 वर्तमान या पूर्व राष्ट्राध्यक्षों की सूची में शामिल है, जिन्हें कुख्यात इजराइली ‘स्पाइवेयर’ कम्पनी ‘एनएसओ ग्रुप’ के ग्राहकों द्वारा हैकिंग के लिए लक्षित किया गया हो सकता है। ‘स्पाईवेयर’ एक सॉफ्टवेयर है, जो किसी के कम्प्यूटर में प्रवेश करके उसके बारे में सूचना जुटाता है और उसे चोरी-छिपे किसी तीसरे पक्ष को भेजता है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल की महासचिव एग्नेस कैलामार्ड ने मंगलवार को एक बयान में कहा, ‘‘ एक ऐसा खुलासा…. जिससे कई विश्व नेताओं को चिंता हो सकती है। पेरिस अभियोजक के कार्यालय ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि उसने गोपनीयता के उल्लंघन, डेटा के अवैध उपयोग और अवैध रूप से ‘स्पाइवेयर’ बेचने सहित संभावित आरोपों की जांच शुरू कर दी है।
फ्रांसीसी कानून के तहत, जांच में संदिग्ध अपराधी का नाम दर्ज नहीं है, लेकिन इसका उद्देश्य यह निर्धारित करना है कि अंततः किस पर मुकदमा चलाया जा सकता है। दो पत्रकारों और फ्रांसीसी वेबसाइट मीडियापार्ट की शिकायत के बाद जांच शुरू की गई है। कथित पीड़ितों द्वारा एनएसओ समूह के खिलाफ कई मुकदमे दायर किए गए हैं। इसमें फेसबुक भी शामिल है, जिसने इज़राइल की कम्पनी पर उसकी सहायक व्हाट्सऐप को हैक करने का आरोप लगाया गया है।
द वाशिंगटन पोस्ट की खबर के अनुसार, एमनेस्टी और पेरिस स्थित गैर-लाभकारी पत्रकारिता संस्था फॉरबिडन स्टोरीज को लीक किए गए 50,000 फोन नंबरों की सूची में पाए जाने वाले संभावित लक्षित लोगों की सूची में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और इराक के राष्ट्रपति बरहम सालिह शामिल हैं।
इसके अलावा तीन वर्तमान प्रधानमंत्री और मोरक्को के राजा, मोहम्मद (VI) भी इस सूची में शामिल हैं। लेबनान के पूर्व पीएम साद हरीरी, यूरोपियन यूनियन के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल और विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेडरोस अदनहोम गेब्रेहेसुस भी संभावित निशानों वाली लिस्ट में शामिल हैं।
बता दें कि भारत में भी मोदी सरकार पर इस इजराइली स्पाईवेयर के जरिए विपक्षी नेताओं की जासूसी करने का आरोप लगा है। बताया गया है कि पेगासस के भारत में संभावित निशानों की सूची में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, पॉलिटिकल स्ट्रैटजिस्ट प्रशांत किशोर और कई पत्रकारों और एक्टिविस्टों के नाम थे।