उत्तर कोरिया ने अपने तानाशाह किम जोंग उन के इशारे पर एक दिन पहले ही अपने पूर्वी छोर पर स्थित सागर में दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थी। आज इस देश ने बताया कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्याभ्यास को लेकर उसकी क्या रणनीति है?

उत्तर कोरिया ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने दक्षिण कोरिया पर परमाणु हमले का पूर्वाभ्यास किया था। संघर्ष की स्थिति में वह अपने प्रतिद्वंद्वियों के क्षेत्र पर कब्जे का अभ्यास कर रहा है। इससे पहले भी परमाणु मिसाइलों का परीक्षण कर चुके प्योंगयांग ने यह भी बताया कि वह दक्षिण कोरिया और अमेरिका के साथ संभावित युद्धों में उनका उपयोग कैसे करेगा।

ध्यान रहे कि उत्तर कोरिया अपने पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया और अमेरिकी सेना के बीच चल रहे सैन्य अभ्यास का हमेशा से विरोध करता रहा है। वह इसे अपने लिए खतरा मानता है। माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया अपने विरोधियों को डराने के लिए इस तरह के प्रक्षेपण कर रहा है।

कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (KCNA) के अनुसार उत्तर कोरिया की सेना ने कहा कि उसने बुधवार रात दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं थीं। उत्तर कोरिया ने कहा कि उसने यह मिसाइल प्रक्षेपण अमेरिका के दक्षिण कोरिया के साथ मिलकर कोरियाई प्रायद्वीप में किए गए लंबी दूरी के बी1-बी बमवर्षक विमानों के प्रशिक्षण की प्रतिक्रिया में किया है।

लंबे अरसे से मिसाइलों का परीक्षण कर रहा है उत्तर कोरिया

उत्तर कोरिया लंबे अरसे से मिसाइलों के टेस्ट में लगा है। उसने कई बार जापानी सागर में मिसाइलें दागीं। उसकी इन हरकतों से सबसे ज्यादा डर जापान और दक्षिण कोरिया को होता है। जब भी किम जोंग उन का देश कोई मिसाइल या सैटेलाइट टेस्ट करता है खतरे की घंटी पड़ोसी देशों में बजनी शुरू हो जाती है। यही वजह है कि दोनों देशों को हौसला देने के लिए अमेरिका उत्तर कोरिया के सामने ही सैन्य अभ्यास कर रहा है। उसका मानना है कि किम जोंग उन की महत्वाकांक्षा पर अंकुश लगाने के लिए अमेरिकी सैनिकों का उत्तर कोरिया के आसपास रहना जरूरी है।