अमेरिका और दक्षिण कोरिया के साथ बढ़ते तनाव के बीच उत्तर कोरिया ने गुरुवार को एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी, जो जापान और कोरियाई प्रायद्वीप के बीच पानी में गिर गई। इसके बाद जापान ने द्वीप पर रहने वाले लोगों को एहतियात बरतने के आदेश दिया। हालांकि, अब आदेश वापस ले लिया गया है क्योंकि अधिकारियों का कहना है कि इमरजेंसी वॉर्निंग सिस्टम ने एक गलत भविष्यवाणी की थी कि मिसाइल द्वीप के पास गिरेगी।

जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा कि उनकी सरकार इस लॉन्चिंग को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक आयोजित करेगी। जापान के रक्षा मंत्री यासुकाजू हमादा ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि मिसाइल को पूर्व की ओर एक हाई एंगल पर दागा गया था। उन्होंने बताया कि मिसाइल जापान के क्षेत्र में नहीं गिरी है और रक्षा मंत्रालय अधिक जानकारी के लिए प्रक्षेपण का विश्लेषण कर रहा है। वहीं, जापान के तट रक्षक ने कहा कि मिसाइल उत्तर कोरिया के पूर्व में समुद्र में गिरी थी। हमादा ने कहा कि वह इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते कि मिसाइल जापान के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र के ऊपर से उड़ी है या नहीं।

वहीं, दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने कहा कि मिसाइल उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग के पास से दागी गई और जापान एवं कोरियाई प्रायद्वीप के बीच समुद्र की ओर उड़ी। एसोसिएटेड प्रेस (एपी) के मुताबिक, मिसाइल को मध्यम या लंबी दूरी का माना जा रहा था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं था कि यह कितनी दूर तक उड़ी।

इससे कुछ दिन पहले ही उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने अपने देश की सेना को और अधिक व्यवहारिक और आक्रामक तरीके से मजबूत करने का आह्वान किया था। दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने कहा कि मिसाइल को सुबह 7.23 बजे (2223 GMT बुधवार यानी 3.53 am IST गुरुवार को) प्योंगयांग के पास से दागा गया। दक्षिण कोरियाई सेना ने कहा कि वह हाई अलर्ट पर है और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ निकटता से समन्वय कर रही है। उत्तर कोरिया ने अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच हाल के महीनों में हुए संयुक्त सैन्य अभ्यास की हालिया श्रृंखला की आलोचना की है।