भारत और बांग्लादेश ने 41 साल पुराने सीमा विवाद का समाधान कर अपने संबंधों में शनिवार को एक नया अध्याय जोड़ दिया। दोनों देशों ने वादा किया कि वे अन्य क्षेत्रों में भी परस्पर सहयोग को और बढ़ाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पड़ोसी देश को दो अरब अमेरिकी डॉलर कर्ज देने का एलान किया।

मोदी दो दिवसीय बांग्लादेश यात्रा पर शनिवार को यहां पहुंचे। इस अवसर के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शुक्रवार को ही वहां पहुंच चुकी थीं। मोदी ने भारत की राज्य सरकारों की मदद से तीस्ता और फेनी नदी जल बंटवारे के मुद्दे पर बांग्लादेश के साथ उचित समाधान निकलने का भी भरोसा जताया।

मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच विस्तृत वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने 22 समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें सामुद्रिक सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग और मानव तस्करी और जाली भारतीय नोट का प्रसार रोकने के लिए समझौते शामिल हैं। बांग्लादेश को भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के उग्रवादियों की पनाहगाह माना जाता है। हसीना ने वादा किया कि आतंकवाद को जरा भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दोनों देश बढ़ते व्यापार घाटे को पाटने के लिए दो विशेष आर्थिक जोन (एसईजेड) बनाने पर सहमत हो गए। मोदी ने बांग्लादेश को दो अरब अमेरिकी डालर कर्ज का एलान किया।

मोदी की यात्रा के पहले दिन ऐतिहासिक भूमि सीमा समझौते (एलबीए) के दस्तावेजों का आदान-प्रदान हुआ, जो 41 साल पुराने सीमा विवाद का समाधान करता है। इसके जरिए एक-दूसरे के क्षेत्रों का आदान-प्रदान होगा। समझौते के तहत 111 सीमावर्ती एंक्लेव बांग्लादेश को मिलेंगे जबकि बदले में 51 एंक्लेव भारत का हिस्सा बनेंगे।

हसीना के साथ साझा पत्रकार सम्मेलन में मोदी ने कहा कि यह यात्रा ऐतिहासिक पल है। हमने एक ऐसे सवाल का हल कर लिया है, जो आजादी के समय से लंबित था। हम दोनों देशों ने सीमा का हल कर लिया है। इससे हमारी सीमाएं अधिक सुरक्षित होंगी और लोगों का जनजीवन अधिक स्थिर होगा।

संसद के पिछले महीने सर्वसम्मति से एलबीए पारित करने का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि इससे बांग्लादेश के साथ संबंधों को लेकर भारत में आम सहमति का पता चलता है। उन्होंने कहा कि दोनों देश पिछले साल ही सामुद्रिक सीमा के हल की बात स्वीकार चुके हैं। यह हमारे संबंधों की परिपक्वता और अंतरराष्ट्रीय नियमों के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता का प्रतीक है। इसलिए हम अपने संबंधों के एक बड़े पल पर यहां मौजूद हैं।

मोदी ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच सड़क, रेल, नदी, समुद्र, पारेषण लाइन, पेट्रोलियम पाइपलाइन और डिजिटल संपर्क के जरिए कनेक्टिविटी बढ़ेगी। आज हमने भविष्य के कुछ रास्ते खोले हैं। दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी और जनता से जनता के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए दो बस सेवाएं कोलकाता-ढाका-अगरतला और ढाका-शिलांग-गुवाहाटी की शुरुआत की गई। दोनों ही बसों को मोदी, हसीना और ममता बनर्जी ने हरी झंडी दिखाकर संयुक्त रूप से रवाना किया।

बातचीत के दौरान तय किया गया कि खुलना और सिलहट में भारतीय मिशन खोले जाएंगे जबकि गुवाहाटी में बांग्लादेशी मिशन खोला जाएगा। तीस्ता जल मुद्दे की चर्चा करते हुए मोदी ने कहा कि हमारी नदियों से हमारे संबंध मजबूत होने चाहिए ना कि ये मनमुटाव का माध्यम बनें। जल बंटवारा भी कुल मिलाकर मानवीय मुद्दा है। यह सीमा के दोनों ओर के लोगों के जीवन और आजीविका को प्रभावित करता है।

उन्होंने सीमा विवाद के हल का उल्लेख करते हुए कहा कि हमने इस समझौते के साथ ही राजनीतिक संकल्प और सद्भाव का परिचय दिया है। अपने संबंधों में व्याप्त क्षमताओं का दोहन करने के लिए हम मिलकर काम करेंगे। हम दोस्ती की भावना से चुनौतियों का समाधान करेंगे और परस्पर विश्वास की स्थिति बनाएंगे। यहां हुए समझौते इस विजन और प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

हसीना ने भारत को अत्यंत महत्त्वपूर्ण पड़ोसी बताते हुए कहा कि मोदी की यात्रा ने नई उम्मीद जगाई है और इससे हमारे संबंध मजबूत होंगे। उन्होंने कहा कि जिन समझौतों पर हमने दस्तखत किए, उनसे व्यापार और निवेश के क्षेत्र में नए द्वार खुलेंगे। साथ ही कहा कि समझौतों को वास्तविकता में बदलना अधिक अहम है।

हसीना ने कहा कि उनका मानना है कि मिलजुलकर हम काम कर सकते हैं और इस क्षेत्र की संपन्नता तय कर सकते हैं, जो मुजीबुर रहमान का सपना था। मोदी ने कहा कि वह भारत के लिए जिस भविष्य का सपना देखते हैं, वैसे ही भविष्य का सपना बांग्लादेश के लिए भी देखते हैं। हम जैसे-जैसे अपने राजनीतिक संपर्क गहरे करते हैं और अपनी कीमती विरासत का यशोगान करते हैं, हमारी अर्थव्यवस्थाएं अधिक एकीकृत होती हैं अ‍ैर हमारी जनता बेहतर ढंग से जुड़ती है। हमारे देश अधिक संपन्न होते हैं।

मोदी ने कहा कि हमारे बीच बढ़ता सहयोग पड़ोसियों के साथ साझा संपन्नता की मेरी गहरी धारणा की तस्वीर है। दोनों देशों के आर्थिक संबंधों में नए आयाम आए हैं। सामुद्रिक शिपिंग समझौता द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाएगा जबकि भारतीय आर्थिक जोन बांग्लादेश में भारतीय निवेश को प्रोत्साहित करेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि कमलासागर में नया ‘सीमावर्ती हाट’ पारंपरिक आर्थिक रिश्तों को मजबूत करेगा। सामुद्रिक सहयोग बढ़ाने के समझौते से आर्थिक अवसरों के नए क्षेत्र खुलेंगे। अब हमें अपने सीमावर्ती सहयोग को अंतरिक्ष में भी बढ़ाना चाहिए।

मोदी ने कहा कि 25 वस्तुओं को छोड़कर बाकी सभी उत्पादों पर शुल्क मुक्त और कोटा मुक्त ‘एक्सेस’ के बावजूद भारी भरकम व्यापार असंतुलन को वे समझते हैं। उन्होंने हसीना को आश्वस्त किया कि इस असंतुलन को खत्म करने के लिए हरसंभव कोशिश की जाएगी ।

मोदी ने कहा कि मानक परीक्षण से जुड़ा समझौता इस दिशा में उठाया गया एक कदम है। भारत से बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति 500 मेगावाट से बढ़कर दो साल में 1100 मेगावाट हो जाएगी। रामपाल बिजली परियोजना (1320 मेगावाट) बांग्लादेश के कानून और नियमों के मुताबिक प्रगति कर रही है। बिजली क्षेत्र में और बहुत कुछ किया जा सकता है।

हसीना ने कहा कि अर्थव्यवस्था, शिक्षा, नवीनता और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की प्रगति सराहनीय है। पिछले छह साल में बांग्लादेश ने भी काफी कुछ हासिल किया है। दो बस सेवाओं की शुरुआत का उल्लेख करते हुए हसीना ने कहा कि वे और मोदी दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी और क्षेत्र के सकल विकास के महत्त्व को स्वीकारते हैं और इसे लेकर सहमत हैं।

* मोदी की यात्रा के पहले दिन ऐतिहासिक भूमि सीमा समझौते (एलबीए) के दस्तावेजों का आदान प्रदान हुआ, जो 41 साल पुराने सीमा विवाद का समाधान करता है। समझौते के तहत 111 सीमावर्ती एंक्लेव बांग्लादेश को मिलेंगे जबकि बदले में 51 एंक्लेव भारत का हिस्सा बनेंगे।

* दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी और जनता के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए दो बस सेवाएं कोलकाता-ढाका-अगरतला और ढाका-शिलांग-गुवाहाटी की शुरुआत की गई। दोनों ही बसों को मोदी, हसीना और ममता बनर्जी ने हरी झंडी दिखाकर संयुक्त रूप से रवाना किया।