कश्मीर में हिंसा पर चुप्पी साधने के लिए विपक्ष की आलोचना झेल रहे पाक के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कश्मीर में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की मुठभेड़ में मौत पर हैरानी जताई है। उन्होंने इसके विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ अत्यधिक बल प्रयोग की निंदा की है। वहीं विपक्षी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) ने कहा है कि शरीफ और मोदी की दोस्ती से कश्मीर मुद्दे को नुकसान हो रहा है। इसकी कभी भरपाई नहीं हो पाएगी। उधर, कश्मीर घाटी में सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों का सिलसिला जारी है। भीड़ ने सोमवार को सोपोर में एक पुलिस थाने को आग लगा दी और पुलवामा में वायुसेना के हवाईअड्डे और कश्मीर में अन्य सुरक्षा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया। घाटी में जारी झड़पों में अब तक 23 लोगों की जान जा चुकी और 250 से अधिक लोग घायल हुए हैं। वहीं श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग बंद होने की वजह से सैंकड़ों अमरनाथ तीर्थयात्री श्रीनगर में फंसे हुए हैं।

लंदन से ओपन हार्ट सर्जरी कराकर लौटे शरीफ ने रविवार देर रात बयान जारी कर कश्मीर में भारतीय सुरक्षा बलों की कार्रवाई की निंदा की। शरीफ के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है, ‘कश्मीरी नेता बुरहान वानी समेत घाटी के अन्य नागरिकों के भारतीय सेना और अर्द्धसैनिक बलों के हाथों मारे जाने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को गहरा सदमा पहुंचा है।’ शरीफ ने कहा है कि वानी की मौत के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ अत्यधिक और गैरकानूनी ढंग से बल प्रयोग किया गया है, जो निंदनीय है।’ उन्होंने कहा, ‘इस तरह के दमनकारी कदम जम्मू-कश्मीर की जनता को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संकल्पों के आलोक में आत्मनिर्णय के उनके अधिकारों का इस्तेमाल करने से विचलित नहीं कर सकते हैं।’

कश्मीर के अलगाववादी नेताओं को नजरबंद किए जाने पर चिंता जाहिर करते हुए शरीफ ने कहा कि भारत को अपने मानवाधिकार दायित्व और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संकल्पों के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं का पालन करना चाहिए। वहीं विपक्षी पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि शरीफ और मोदी की दोस्ती से कश्मीर मुद्दे को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस नुकसान की कभी भरपाई नहीं हो पाएगी। बिलावल ने एक बयान में कहा, ‘एक ओर जहां सारी दुनिया के मुसलिम ईद-उल-फितर मना रहे थे वहीं हमारे कश्मीरी भाइयों ने त्योहार का यह दिन भारतीय सेना की हिंसक कार्रवाई के बीच गुजारा।’ उन्होंने शरीफ पर अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी को दोस्ती का प्रमाण पत्र देकर विदेश नीति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘शरीफ भारतीय प्रधानमंत्री के साथ नजदीकी बढ़ाकर कश्मीर मुद्दे को जोखिम में डाल रहे हैं।’

इस बीच जम्मू कश्मीर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ‘कल कुलगाम जिले में हिंसा की एक घटना में दो लोग मारे गए। उनकी पहचान 22 साल के फिरोज अहमद मीर और 38 साल के खुर्शीद अहमद मीर के रूप में हुई है।’ इन्हें मिलाकर, हिंसा में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़ कर 23 हो गई है। मृतकों में एक पुलिसकर्मी भी शामिल है।’

कर्फ्यू जैसे प्रतिबंधों और अलगाववादियों की ओर से आयोजित हड़ताल के कारण शनिवार से ही जनजीवन प्रभावित है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पुलवामा में सोमवार सुबह कोइल स्थित वायुसेना के हवाईअड्डे पर कुछ प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया। उन लोगों ने हवाईअड्डा परिसर के अंदर रखी सूखी घास में आग भी लगा दी। अधिकारी के मुताबिक उन लोगों ने भीड़ को खदेड़ने का प्रयास किया लेकिन हमलावर फिर से एकत्र हो गए और रुक-रुक कर पथराव किया।

रविवार को वायु सेना स्टेशन पर पथराव कर रही भीड़ को तितर बितर करने के लिए सुरक्षा कर्मियों ने गोली चलाई थी। इसमें तीन व्यक्ति घायल हो गए थे। गंदेरबल जिले में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई में एक व्यक्ति घायल हो गया था। अधिकारी ने बताया कि उत्तर कश्मीर में सोपोर, हंदवाड़ा, बांदीपोरा और बारामुला से भी पथराव की घटनाएं होने की खबरें हैं। पुलिस के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने सोपोर स्थित एक फल बाजार में पुलिस थाने को आग लगा दी। हालांकि वहां पर लोग, हथियार, गोलाबारूद और रिकॉर्ड्स सुरक्षित हैं।
सुरक्षाबलों के साथ झड़प में वानी के मारे जाने के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो जाने पर शुक्रवार शाम से दक्षिण कश्मीर के चार जिलों में मोबाइल सेवाएं अब तक निलंबित ही हैं।

श्रीनगर के कुछ भागों और घाटी के विभिन्न हिस्सों में कर्फ्यू जैसी स्थितियां बनी हुई हैं। रविवार शाम को झड़पों में श्रीनगर में एक मौत हुई थी। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि प्रशासन ने शहर के संवेदनशील इलाकों में और घाटी के अन्य स्थानों पर सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कि जानमाल के किसी भी नुकसान को रोकने के लिए सख्ती के साथ प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि दुकानें, निजी दफ्तर, कारोबारी प्रतिष्ठान और पेट्रोल पंप बंद हैं जबकि सरकारी दफ्तरों और बैंकों में गिने-चुने लोग ही देखे गए।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परिवहन के साधन पूरी तरह सड़कों से नदारद हैं जबकि प्रतिबंध से मुक्त कुछ स्थानों पर निजी कारें और आॅटोरिक्शा चलते देखे गए। गर्मियों की छुट्टियों के चलते घाटी के शैक्षणिक संस्थान बंद हैं। सेंट्रल यूनिवर्सिटी आॅफ कश्मीर (सीयूके), इस्लामिक यूनिवर्सिटी आॅफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आइयूएसटी) और जम्मू एंड कश्मीर बोर्ड आॅफ स्कूल एजुकेशन (जेकेबीओएसई) ने मौजूदा हालात के कारण परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और मोहम्मद यासीन मलिक समेत अधिकतर अलगाववादी नेताओं को या तो हिरासत में ले लिया गया है या फिर उन्हें नजरबंद कर दिया गया है।

घाटी की हिंसा के चलते श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग बंद है। इसकी वजह से सैंकड़ों अमरनाथ तीर्थयात्री यहां फंसे हुए हैं। मध्य कश्मीर के गांदेरबल जिले के सोनमर्ग इलाके में बालटाल मार्ग से यात्रा करने वाले कई तीर्थयात्री यहां शहर के टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर के पास फंसे हैं। तीर्थयात्री बालटाल आधार शिविर से रात करीब एक बजे निकले थे और तड़के श्रीनगर पहुंच गए थे। बिहार निवासी प्रमोद कुमार ने कहा, ‘हमने आठ जुलाई को यात्रा कर ली थी। आज आधी रात के आसपास हमें आधार शिविर से निकलने के लिए कहा गया था। उन्होंने हमें श्रीनगर जाने के लिए कहा था और बताया था कि वहां जम्मू ले जाने के लिए बसें हमारा इंतजार कर रही हैं।’ कुमार ने कहा कि जब वे श्रीनगर पहुंचे तो वहां कोई बस नहीं थी। उन्होंने कहा, ‘हम तड़के तीन बजे के करीब यहां पहुंचे और तबसे हम इंतजार कर रहे हैं। यहां कोई बस नहीं है। हम जम्मू कैसे जाएं?’

उत्तर प्रदेश निवासी एक अन्य तीर्थयात्री बंसीलाल ने कहा कि उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई है। उन्होंने कहा, ‘श्रीनगर पहुंचने के बाद से हमें कुछ नहीं बताया गया है। कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। हम जम्मू जाना चाहते हैं लेकिन कैसे जाएं, यह पता नहीं।’ तीर्थयात्रियों ने अपर्याप्त इंतजामों की भी शिकायत की और कहा कि कैब चालक ऊंचे दाम वसूल रहे हैं।

वहीं गांदेरबल के उपायुक्त तारीक हुसैन गनई ने कहा कि प्रशासन ने करीब 24,500 तीर्थयात्रियों के लिए बालटाल से जम्मू रवाना होने के वास्ते पर्याप्त इंतजाम किए हैं। उन्होंने कहा, ‘हमने करीब 24,500 यात्रियों के जम्मू रवाना होने के लिए 1700 वाहनों का इंतजाम किया है। वाहन बालटाल से सीधे जम्मू रवाना हुए न कि श्रीनगर गए।’ उन्होंने कहा, ‘वे यात्री इस समय जम्मू के रास्ते में हैं।’ उन्होंने कहा कि जो तीर्थयात्री श्रीनगर में फंसे हैं, उन्हें बालटाल में कैब चालकों ने बहकाया होगा।

उपायुक्त ने कहा, ‘मुझे यही समझ आता है कि उन्हें कैब चालकों ने बहकाया होगा। हमने बीते तीन दिनों की यात्रा के श्रद्धालुओं को सीधे जम्मू भेज दिया। यह काम कल रात को पूरा हो गया था। कुछ लोग हवाई मार्ग से भी गए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमने किसी से नहीं कहा कि श्रीनगर में बसें इंतजार कर रही हैं।’ श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग यातायात के लिए बंद है क्योंकि यह दक्षिण कश्मीर से होकर जाता है, जहां शुक्रवार को एक मुठभेड़ में वानी और उसके दो साथियों की मौत के बाद हिंसा सबसे ज्यादा है।