पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने हिंसा प्रभावित कश्मीर में ‘बिगड़ती स्थिति’ पर चर्चा करने और मुद्दे पर ‘आगे के कदम’ की रूपरेखा बनाने के लिए शुक्रवार (15 जुलाई) को लाहौर में कैबिनेट की एक विशेष बैठक बुलाई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, ‘बुरहान वानी की क्रूर हत्या के बाद बेगुनाह नागरिकों के खिलाफ भारतीय सुरक्षा बलों की दमनकारी कार्रवाई तथा कश्मीर की समग्र स्थिति पर कैबिनेट चर्चा करेगी।’
बयान में कहा गया कि लाहौर में गवर्नर हाउस में आयोजित होने वाली बैठक में कश्मीर में ‘तेजी से बिगड़ती स्थिति’ पर चर्चा की जाएगी और प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर ‘आगे के कदम’ की रूपरेखा तय करेंगे। बयान में यह भी उल्लेख किया गया कि प्रधानमंत्री के निर्देश पर विदेश मंत्रालय ने भारतीय उच्चायुक्त को विदेश कार्यालय तलब किया और ‘कश्मीर में मानवाधिकार की स्थिति की तेजी से बिगड़ती स्थिति और भारतीय सुरक्षा बलों के बढ़ते दमन पर पाकिस्तानी सरकार एवं लोगों की कड़ी चिंता से अवगत कराया।’
इसमें कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी स्थायी सदस्य देशों के राजदूतों को ‘सुरक्षा बलों के अत्याचारों के संबंध में’ एक विस्तृत जानकारी दी गई। भारत ने हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने पर शरीफ की ओर से बयान जारी करके ‘हैरानी’ जताए जाने के बाद पाकिस्तान से कहा था कि वह उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने से परहेज करे।
शरीफ ने बुधवार (13 जुलाई) को कहा कि कश्मीर के लोगों की ‘संघर्ष की आवाज’ को ‘क्रूर बल प्रयोग और मानवाधिकार उल्लंघनों’ के जरिए दबाया नहीं जा सकता। उन्होंने यह बात पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के संसदीय विशेष समिति के अध्यक्ष एवं जमीयत उलेमा ए इस्लाम फजल अध्यक्ष मौलाना फजलूर रहमान से लाहौर में मुलाकात के दौरान कही। बैठक के दौरान रहमान ने जम्मू कश्मीर में भारतीय सेना और अर्द्धसैनिक बलों द्वारा ‘मानवाधिकार उल्लंघनों’ करने को लेकर अलगाववादी नेताओं के साथ हाल में हुई अपनी बातचीत के बारे में प्रधानमंत्री शरीफ को बताया। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि रहमान ने कहा कि ‘कश्मीरी नेतृत्व मुश्किल समय में पाकिस्तान की ओर देखता है।’
शरीफ ने कहा, ‘सरकार और पाकिस्तान के लोग अपने कश्मीरी भाइयों की भावनाओं का सम्मान करते हैं और चाहे जो हो हम कश्मीर मसले का अंतरराष्ट्रीय रूप से प्रत्येक मंच पर समर्थन करना जारी रखेंगे।’ शरीफ ने कहा, ‘जम्मू कश्मीर मुद्दे का समाधान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के अनुरूप जम्मू कश्मीर के लोगों के आत्मर्निणय के अधिकार को वास्तविकता बनाकर संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में एक निष्पक्ष एवं उचित जनमतसंग्रह के जरिये ही संभव है।’
इस बीच पाकिस्तान के विदेश सचिव ने इस्लामाबाद स्थित जम्मू कश्मीर पर ओआईसी सम्पर्क समूह के सदस्य देशों (अजरबैजान, सउदी अरब, तुर्की और नाइजर) के राजदूतों को घाटी में स्थिति के बारे में जानकारी दी। बैठक में पाकिस्तान ने ओआईसी सदस्य देशों का आह्वान किया कि वे कश्मीरी मुस्लिमों के ‘मानवाधिकारों के जबर्दस्त उल्लंघन’ के खिलाफ अपनी आवाज उठाएं। विदेश सचिव ने यूरोपीय संघ के राजदूतों को स्थिति के बारे में जानकारी दी और इन मौतों के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ एक निष्पक्ष एवं पारदर्शी जांच की जरूरत पर जोर दिया।