पाकिस्तान की एक शीर्ष अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की वह अपील बृहस्पतिवार को खारिज कर दी जो उन्होंने एक जवाबदेही अदालत द्वारा भ्रष्टाचार के मामलों में उन्हें दोषी ठहराए जाने के खिलाफ दायर की थी। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) की एक पीठ ने अपने नौ पृष्ठों के फैसले में कहा कि शरीफ ‘‘कानून से भागे हैं इसलिए वह इस अदालत के समक्ष सुने जाने का अपना अधिकार खो चुके हैं और हमारे पास उनकी अपील खारिज करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।’’
अदालत की इस पीठ में न्यायमूर्ति ए. फारुक और न्यायमूर्ति अख्तर कयानी शामिल थे। पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) प्रमुख शरीफ (70) लाहौर उच्च न्यायालय द्वारा इलाज के लिए चार सप्ताह के लिए विदेश जाने की अनुमति दिए जाने के बाद से नवंबर 2019 से लंदन में रह रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ को भ्रष्टाचार के दो मामलों – एवेनफील्ड संपत्ति और अल-अजीजिया स्टील मिल्स – में दोषी ठहराया गया था। कई चेतावनियों के बावजूद पेश होने में विफल रहने के बाद इस्लामाबाद उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें दिसंबर 2019 में भगोड़ा अपराधी घोषित किया गया था।
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय की पीठ ने कहा, ‘‘संविधान या नियमों में ऐसा कुछ भी नहीं है जो अदालत को एक आरोपी व्यक्ति द्वारा दायर की गई अपील पर गुणदोष के आधार पर निर्णय लेने के लिए मजबूर करे।’’ अदालत ने बुधवार को राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के अतिरिक्त अभियोजक जहांजेब खान भरवाना की दलील सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
उधर, पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने 2008 के मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड और प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) के प्रमुख हाफिज सईद के घर के बाहर कार बम विस्फोट में शामिल दो संदिग्धों को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया। अपराध जांच विभाग (सीटीडी) के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि सीटीडी ने विस्फोट के लिए इस्तेमाल की गई कार की खरीद-फरोख्त के संबंध में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक ईसाई है