म्यांमार में बीते 1 फ़रवरी को हुए सैन्य तख्तापलट के खिलाफ चल रहे आंदोलनों में सेना ने विरोध कर रहे लोगों के खिलाफ अबतक की सबसे हिंसक कार्रवाई की है। सेना ने 27 फ़रवरी को करीब 114 लोगों को मार डाला। इतना ही नहीं म्यांमार सैनिक ने अंतिम संस्कार में शामिल हुए लोगों पर भी गोली चलाने से परहेज नहीं किया। फ़रवरी में शुरू हुए सेना विरोधी प्रदर्शनों में अबतक करीब 400 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।

बीते1 फ़रवरी को म्यांमार की सेना ने नागरिक सरकार का तख्ता पलट कर दिया था। तख्तापलट में सेना ने म्यांमार की सर्वोच्च नेता आंग सान सूची समेत सरकार के सभी बड़े नेताओं को हटा दिया था। इसके बाद से ही म्यांमार के कई शहरों में प्रदर्शनकारी सेना से सरकार को दोबारा से बहाल करने की मांग कर रहे हैं। साथ ही प्रदर्शनकारी आंग सान सूची की रिहाई की भी मांग कर रहे हैं। लेकिन फ़रवरी महीने से ही म्यांमार के सेना प्रमुख मिन आंग के नेतृत्व में सैन्य ताकत नागरिकों के इन विरोध प्रदर्शनों को हथियार के दम पर कुचलने की कोशिश कर रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार म्यांमार सेना ने 114 लोगों को मौत के घाट उतारने के बाद जमकर पार्टी की। पार्टी में सेना प्रमुख मिन आंग और कई वरीय अधिकारी भी मौजूद थे। इतना ही नहीं सेना की इस पार्टी का टेलीकास्ट सरकारी टेलीविजन एमआरटीवी पर भी किया गया। सेना के लाख प्रतिकार और दमन के बावजूद भी लोग सड़कों पर निकलकर सैन्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

114 लोगों की हुई मौत पर कई देशों और संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटरेश ने कहा कि म्यांमार में सुरक्षा बलों द्वारा बच्चों और युवाओं सहित दर्जनों निहत्थे नागरिकों की हत्या की जा रही है। इससे मुझे गहरा धक्का लगा है। साथ ही उन्होंने कहा कि म्यांमार सेना के द्वारा की जा रही कार्रवाई पूरी तरह से अस्वीकार्य है। इसलिए इस कार्रवाई का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विरोध किया जाना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र संघ के अलावा ब्रिटेन, अमेरिका, जापान, सहित कई देशों ने म्यांमार की आलोचना की है।

बता दें कि आंग सान सूची और सरकार को अपदस्थ करने के बाद सेना प्रमुख मिन आंग ने कहा था कि उनकी सेना ने ऐसा इसलिए किया है क्योंकि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई नेता आंग सांग सूची और उनकी पार्टी ने चुनाव और सरकार में कई अनियमितताएं की थी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि आने वाले दिनों में निष्पक्ष चुनाव कराया जाएगा। हालांकि सेना ने अभी तक चुनाव के संबंध में ना तो तारीखों का ऐलान किया है और ना ही चुनाव की प्रक्रियाओं का ऐलान किया है।